Jammu And Kashmir: सोमवार की सुबह जब हम और आप चैन की नींद सो रहे थे उस वक्त देश की रक्षा में लगे भारत के वीर पुत्र देश के दुश्मनों से लोहा ले रहे थे। जब हम और आप नींद से जगे तो देश के रक्षक हमेशा के लिए नींद में चले गए थे। 11 अक्तूबर को भारत माता की रक्षा करते हुए पांच जवान शहीद हो गए।
गमजदा है परिवार
देशभर में नवरात्रि का रंग है। अगले माह दीवाली है लोग दीवाली की तैयारियोंं में जुटे हुए हैं। लेकिन नायक सूबेदार जसविंदर सिंह, मनदीप सिंह, गज्जन सिंह, सरज सिंह और वैसाख एच के घर में मातम छाया हुआ है। बेटे की शहादत पर परिजनों को गर्व है। यह शहादत क्या होती है 39 दिन के मनदीप के बेटे को नहीं पता है। वो मां पूरी तरह टूट गई है जिसने पति को खो दिया है अब बेटा जसविंदर सिंह ने भी साथ छोड़ दिया। गज्जन सिंह की पत्नी के हाथ की अभी मेंहदी भी नहीं छूटी थी कि पति ने साथ छोड़ दिया।
देश की रक्षा में लगे जवानों को जब पता चला की सुनरकोट में डीकेजी के एक गांव में दुश्मन भारत की शांति को भंग करने के लिए घुस आए हैं। दुश्मनों से लोहा लेने के लिए ये पांचों जवान वहां पहुंच गए। दुश्मनों को तो उनके अंजाम तक पहुंचा दिया लेकिन हमेशा के लिए घर वालों को अपनी ना मौजूदगी का दर्द दे दिया।
नायक सूबेदार जसविंदर सिंह
नायक सूबेदार जसविंदर सिंह गांव मनन तलवंडी के रहने वाले हैं। घर में दो भाई हैं। पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। पत्नी का नाम सुखप्रीत कौर है। जसविंदर की शहादत के बाद अब सुखप्रीत को खुद ही दोनों बच्चों का पालन पोषण करना है। जसविंदर सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके गांव मनन तलवंडी भेजा जाएगा जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मनदीप सिंह
वीर पुत्र मनदीप सिंह ने महज 30 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। 16 अक्तूबर को मनदीप सिंह का जन्मदिन था। शहीद मनदीप सिंह अपने पीछे बुजुर्ग मां मनजीत कौर, पत्नी मनदीप कौर, 4 साल का बेटा मंताज सिंह और 39 दिन का बेटा गुरकीरत सिंह को छोड़ गए हैं। बेटे की शहादत पर मां मनजीत कौर ने कहा शरीर अब साथ नहीं देता है। बेटा ही हाथ पैर था लेकिन मुझे गर्व है, देश की रक्षा करते हुए मेरा बेटा शहीद हो गया।
गज्जन सिंह
गज्जन सिंह की अभी चार माह पहले ही शादी हुई थी। पत्नी अपने पति गज्जन सिंह की लंबी आयु के लिए करवा चौथ की तैयारी में लगी हुई थी। इससे पहले ही गज्जन ने साथ छोड़ दिया। रूपनगर जिले के पचरंदा गांव के रहने वाले गज्जन सिंह के घर में सिर्फ उनकी पत्नी है।
सरज सिंह
सरज सिंह भी एनकाउंटर में शहीद हो गए। वह उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के रहने वाले थे. उनकी शहादत के बाद पूरा गांव गम में है। वह अख्तयारपुर धावकल के रहने वाले थे। पूरे गांव में मातम छाया हुआ है।
वैसाख एच
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सोमवार को हुए एनकाउंटर में सिर्फ पंजाब और यूपी के जवान ही नहीं शहीद हुए, बल्कि केरल के भी जवान की शहादत हुई है। केरल के वैसाख एच कोलम जिले के रहने वाले थे। गांव का बेटा अब इस दुनिया में नहीं है। गांव वालों की आखों में आसू है लेकिन गर्व है कि उसने देश की रक्षा करते हुए बलिदान दिया।
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