शुक्रवार शाम को इजराइली दूतावास के बाहर ब्लास्ट की भारतीय सुरक्षा एजेंसियां खोजबीन कर रही हैं। लेकिन अभी तक कोई अंतिम सुराग नहीं मिला है। इस पर खबर है कि, ब्लास्ट का तार इरान से जुड़ता दिख रहा है। आतंकवाद विरोधी अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट में तेहरान की भागीदारी के प्रयाप्त सबूत मिले हैं।
धमाके वाली जगह से जांचकर्ताओं को एक लिफाफा मिला है, जिसमें एक चिट्ठी है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि लेटर में इस धमाके को ट्रेलर बताया गया है। खत में ईरान के पूर्व सैन्य अधिकारी कासिम सुलेमानी और ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह की हत्या का जिक्र किया गया है। सुलेमानी जनवरी 2020 में अमेरिकी एयर स्ट्राइक में मारा गया था जबकि परमाणु वैज्ञानिक की हत्या नवंबर 2020 में कर दी गई थी, जिसमें इजरायल पर आरोप लगाए गए थे। इजरायली दूतावास के बाहर मिले लेटर में लिखा है, ”यह एक ट्रेलर है, हम तुम्हारी जिंदगी खत्म कर सकेत हैं, कभी भी, कहीं भी। ईरानी शहीद।”
भारत ने इजरायली दूतावास के बाहर हुए इस हमले को काफी गंभीरता से लिया है। नई दिल्ली ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि भारत को किसी अन्य देश द्वारा अपने कथित दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। भारत के इजरायल और ईरान दोनों के साथ ही घनिष्ठ संबंध हैं।
अधिकारियों ने कहा, ”वर्तमान में जांच भारतीय छात्रों पर केंद्रित है, जो ईरान में शिया इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक कोम में पढ़ाई कर वापस लौटे हैं।”
आईपी एड्रेस को अफगानिस्तान के हेरात में दिखाया गया है। यहां शिया ईरान का प्रभाव काफी है। अधिकारियों का कहना है कि इसमें सच्चाई कम दिखती है।
गौरतलब है कि, दिल्ली के लुटियंस इलाके में औरंगजेब रोड पर स्थित इजरायली दूतावास के बाहर शुक्रवार की शाम मामूली आईईडी विस्फोट हुआ। हालांकि धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ।
धमाका उस समय समय हुआ जब वहां से कुछ दूर किलोमीटर दूर गणतंत्र दिवस समारोहों के सपमान के तौर पर होने वाला ‘बीटिंग रीट्रिट’ कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वैकेंया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद थे।