दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस को उसके पूर्व चीफ फाइनेंशल ऑफिसर राजीव बंसल को 12.17 करोड़ देने का आदेश मिला है। इसके अलावा कंपनी को इस राशि पर ब्याज भी देना होगा। आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने कानूनी लड़ाई में कंपनी के पूर्व चीफ फाइनेंशियल अफसर राजीव बंसल के पक्ष में निर्णय दिया है। फैसले के तहत कंपनी को बंसल को 12.17 करोड़ रुपए देने का आदेश दिया गया है। इंफोसिस को उन्हें इस रकम पर ब्याज भी चुकाना होगा।

आपको बता दें कि वर्ष 2015 में बंसल ने इंफोसिस छोड़ दी थी। वो कंपनी छोड़ने के बाद कंपनी से 17.38 करोड़ रुपए के सेवरेंस भुगतान की उम्मीद कर रहे थे। मगर कंपनी ने उन्हें केवल 5.2 करोड़ रुपए दिए और बाकी राशि यह कह कर देने से इनकार किया कि बंसल कुछ दायित्वों का निर्वहन नहीं कर सके।

इसके बाद बंसल इस मामले को आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल में लेकर गए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि कंपनी ने उन्हें 17.38 करोड़ रुपए की पूरी सेवरेंस राशि नहीं दी। जवाब में इंफोसिस ने भी बंसल के खिलाफ काउंटर क्लेम दायर किया जिसमें उन्हें पहले दिए गए 5.2 करोड़ रुपए के सेवरेंस को लौटाने और बाकी नुकसानों की भरपाई करने को कहा गया। ट्रिब्यूनल में दोनों ही पक्षों के दावे-प्रतिदावे पर लगभग साल भर तक सुनवाई हुई थी।

बंसल के सेवरेंस पैकेज को लेकर इंफोसिस में कॉर्पोरेट गवर्नेंस विवाद खड़ा हो गया था। कंपनी के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि सेवरेंस पैकेज बंसल को खामोश रहने के लिए दिया गया है।

इस विवाद की वजह से इंफोसिस के तत्कालीन सीईओ विशाल सिक्का और 4 बोर्ड मेंबर्स को अपना इस्तीफा देना पड़ा था। इनमें कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन आर सेशासायी भी शामिल थे।

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