सोशल मीडिया पर सक्रिय कंटेंट क्रिएटर शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाई कोर्ट ने जमानत प्रदान करते हुए बड़ी राहत दी है। साथ ही, अदालत ने कोलकाता पुलिस को निर्देश दिया है कि वे उन्हें पर्याप्त सुरक्षा भी मुहैया कराएं। शर्मिष्ठा को ₹10,000 के निजी मुचलके पर ज़मानत मिली है। साथ ही, कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि विदेश यात्रा करने से पहले उन्हें संबंधित मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होगी।
अदालत का यह भी कहना था कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ जो शिकायत दर्ज की गई है, उसमें कोई स्पष्ट संज्ञेय अपराध सामने नहीं आता है। साथ ही, कोर्ट ने बताया कि पनोली के नाम जारी गिरफ्तारी वारंट महज़ एक औपचारिक प्रकिया का हिस्सा था, और जब उन्हें नोटिस भेजा गया, उस वक्त वह कोलकाता से बाहर थीं।
जस्टिस राजा बसु चौधरी की एकल पीठ ने निर्देश दिया कि शर्मिष्ठा को ₹10,000 की जमानत राशि के साथ रिहा किया जाए और जांच में पूरी तरह सहयोग किया जाए।
विवादित वीडियो बना गिरफ्तारी की वजह
गौरतलब है कि शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो साझा किया जिसमें सांप्रदायिक टिप्पणियां की गई थीं। वीडियो में उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बॉलीवुड के चुप रहने को लेकर सवाल उठाए थे, जिससे समुदाय विशेष की भावनाएं आहत हुईं। इस शिकायत के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
गिरफ्तारी को लेकर मचा सियासी घमासान
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज़ हो गई। कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता रहे थे, वहीं कुछ यूज़र्स ने उनके बयान की आलोचना की। कई सोशल मीडिया यूज़र्स उनके समर्थन में सामने आए, जबकि कुछ ने गिरफ्तारी को सही ठहराया।
इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्माई। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी बयान दिया कि “धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल कुछ लोगों के लिए ढाल और कुछ के लिए हथियार नहीं होना चाहिए।” उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस से निष्पक्ष कार्रवाई की अपील की। उन्होंने आगे कहा, “ईशनिंदा की हमेशा आलोचना होनी चाहिए, लेकिन सभी के लिए कानून समान हो।”
आखिर क्या कहा था शर्मिष्ठा ने?
शर्मिष्ठा पनोली ने जो वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, उसमें उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बॉलीवुड की चुप्पी को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। वीडियो में उन्होंने कथित तौर पर कुछ आपत्तिजनक बातें कही थीं, जिससे विवाद खड़ा हो गया। इसके बाद 15 मई को गार्डनरीच थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। हालांकि, बाद में उन्होंने विवाद बढ़ने पर वीडियो डिलीट कर दिया और माफी भी मांगी, लेकिन गिरफ्तारी नहीं टल सकी। यह मामला अब भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है और हाई कोर्ट के फैसले के बाद इसे नया मोड़ मिल गया है।