PM मोदी-पुतिन की बैठक में यूक्रेन युद्ध, रक्षा और व्यापार पर बड़ी बातें

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PM मोदी-पुतिन की बैठक में यूक्रेन युद्ध, रक्षा और व्यापार पर बड़ी बातें
PM मोदी-पुतिन की बैठक में यूक्रेन युद्ध, रक्षा और व्यापार पर बड़ी बातें

यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने एक बार फिर शांति का संदेश दिया है। भारत दौरे के दूसरे दिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हैदराबाद हाउस में महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा और आर्थिक साझेदारी जैसे अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत हमेशा शांति और स्थिरता के पक्ष में खड़ा है।

पीएम मोदी ने पुतिन से कही अहम बातें

बैठक की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि पुतिन की 2001 की भूमिका इस बात का उदाहरण है कि एक दूरदर्शी नेता किस तरह से रिश्तों को आगे बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि भारत-रूस संबंध इस सोच का सबसे बड़ा प्रमाण हैं।

पुतिन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद से दोनों देशों के बीच लगातार संवाद बना हुआ है। उन्होंने पुतिन को ‘सच्चा मित्र’ बताते हुए कहा कि रूस ने हमेशा हर मुद्दे पर समय-समय पर भारत को जानकारी दी है। पीएम मोदी ने कहा कि भरोसा ही किसी भी मजबूत साझेदारी की बुनियाद होता है।

मोदी ने बैठक में दोहराया कि भारत हर परिस्थिति में शांति का समर्थन करता है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पुतिन ने भारत के प्रयासों को सराहा और शांति की दिशा में मिलकर काम करने का भरोसा जताया।

यूक्रेन युद्ध पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने दुनिया के बड़े नेताओं को हमेशा यही बताया कि भारत न्यूट्रल नहीं बल्कि शांति का दृढ़ समर्थक है। भारत हर ऐसे प्रयास के साथ खड़ा है जो शांति स्थापित करने में मदद करता हो।

पुतिन ने पीएम मोदी से कहा कि वह अमेरिका सहित कई साझेदार देशों के साथ मिलकर यूक्रेन विवाद का शांतिपूर्ण समाधान खोजने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बैठक के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वे परिस्थिति के सभी विवरण साझा करने के लिए तैयार हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि कोविड महामारी से लेकर आज तक दुनिया कई चुनौतियों से गुजर चुकी है और अब समय है कि वैश्विक समुदाय के सामने एक नई उम्मीद दिखाई दे।

पुतिन ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि भारत और रूस के संबंध इतिहास में गहराई से जुड़े हुए हैं और इन रिश्तों की मजबूती सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि वास्तविकता में दिखती है। उन्होंने यह भी सराहा कि प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत तौर पर यूक्रेन मुद्दे पर ध्यान दे रहे हैं।

यह बैठक कई शीर्ष भारतीय और रूसी अधिकारियों की मौजूदगी में हुई। भारतीय पक्ष से विदेश मंत्री एस. जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और रिज़र्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद थे।