आम आदमी पार्टी आए दिन किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहती है। ऊपर से सीएम अरविन्द केजरीवाल के बयान विवाद पैदा करने में माहिर है। इस बार मामला थोड़ा अलग है। दरअसल आयकर विभाग ने आम आदमी पार्टी (आप) को आयकर विभाग ने 30.67 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस थमाया है और कारण बताओ नोटिस भेजा है।

वहीं आयकर विभाग के नोटिस पर आप ने कहा है कि हमारा चंदा पवित्र है और ये शत्रुतापूर्ण कार्रवाई है। बता दें कि आप को यह नोटिस आप के पांच साल पूरे होने के ठीक अगले दिन आया है।

आप को भेजे गए नोटिस में आयकर विभाग ने उन दान दाताओं की लिस्ट थमाई है जिन्होंने 20,000 रुपये से ज्यादा का चंदा दिया है। आयकर विभाग ने यह नोटिस वित्त वर्ष 2014-15 और 2015-16 के लिए जारी किया है। विभाग ने असेसमेंट के दौरान कुल 68.44 करोड़ रुपये की आय भी पार्टी के खाते में जोड़ी है। नोटिस के मुताबिक इस राजनीतिक दल ने करीब 13 करोड़ रुपये के चंदे का खुलासा नहीं किया है।

आयकर अधिकारियों की मानें तो पार्टी द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के तहत उसको और चुनाव आयोग को सुपुर्द पहली ऑडिट रिपोर्ट ‘गलत और मनगढंत’ है।
नोटिस में कहा गया है कि इन आरोपों के मद्देनजर विभाग आयकर कानूनों के अंतर्गत धारा 277 ए (सत्यापन में फर्जी तथ्य) और 276 सी (जानबूझकर कर देने से बचने)  के तहत अदालत में अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) दाखिल करना चाहता है।

इसके अलावा विभाग ने उन 462 दान दाताओं का रिकॉर्ड नहीं रखने पर भी अरविंद केजरीवाल की पार्टी की खिंचाई की है जिन्होंने करीब 6 करोड़ रुपये दान दिए हैं। इस पर आप ने जवाब देते हुए कहा है कि आयकर का ये नोटिस बोगस और आधारहीन है। पार्टी ने कहा है कि हमारा चंदा पूरी तरह पारदर्शी है। और पहली बार किसी पाटी के चंदे को गैरकानूनी ठहराया गया है।

गौरतलब है कि आयकर विभाग ने 7 दिसंबर को पार्टी से पक्ष रखने को कहा है। आयकर विभाग के नोटिस में आप पर चंदा नियमों के अनुकूल ना होने का आरोप लगाया है।

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