पाकिस्तान में हुए हालिया चुनावों के बाद इमरान खान 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद पर शपथ ग्रहण की तैयारी कर रहे हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्यौता भेजे जाने की सुगबुगाहट तेज है। इसके बीच भारत ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
वहीं संकेत मिल रहे हैं कि यदि औपचारिक न्यौता मिला तो प्रधानमंत्री मोदी या उनकी जगह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज नहीं जाएंगे। इसके बजाय प्रतीकात्मक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर या वीके सिंह को भेजा जा सकता है।
हालांकि विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय इस मुद्दे के राजनीतिक और कूटनीतिक नफा नुकसान की समीक्षा कर रहे हैं। न्यौता के सवाल पर उच्च पदस्थ सरकारी सूत्रों ने बताया कि कूटनीति में कभी भी मैदान खाली नहीं छोड़ा जाता।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर इमरान को बधाई संदेश दिया और उधर से भी सकारात्मक जवाब मिला। लेकिन पिछले चार साल में पठानकोट आतंकी हमले और खासतौर पर अगस्त 2016 में सार्क देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन में राजनाथ के साथ हुए व्यवहार के बाद दोनों देशों के रिश्ते निचले स्तर पर हैं।
सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार आमंत्रण पर कोई भी फैसला लेने से पहले घरेलू माहौल भी परखेगी, जो मौजूदा समय में पाकिस्तान विरोधी है। ऐसे में पाकिस्तान जाने पर अगले साल होने वाले चुनाव पर होने वाले असर को भी ध्यान में रखा जाएगा। इन हालातों को देखते हुए न्यौता मिलने पर पीएम मोदी के प्रतिनिधि भेजने की ही संभावना अधिक है।