बीते हुए पल को हर कोई याद करता है, इसमें कुछ अच्छी यादे होती हैं तो कुछ बुरी यादें शामिल होती हैं। लेकिन साल 2020 को किसी के लिए भूलना नामुमकिन है। इस साल लोगों ने अपने प्रिय को कोरोना के कारण खो दिया। साथ इस महामारी ने देश को 10 साल पीछे ढकेल दिया है। लोगों का काम-धंधा चौपट हो गया है। लॉकडाउन ने लोगों की जेबें खाली कर दी हैं। वहीं अगर जुर्म की दुनिया की बात करें तो सुशांत सिंह राजपूत की मौत, बॉलीवुड ड्रग्स केस, दिशा सालियान केस, कानपुर का विकास दुबे कांड, हाथरस गैंगरेप कांड, दिल्ली में दंगे जैसी वारदात की 2020 में रही गूंज।
दिल्ली दंगा
साल के शुरूवाद में ही देश की राजधानी दिल्ली में दंगा हो गया। इस दंगे की शुरुआत 24 फरवरी को हुई। जिनमें कुल 53 लोगों की जान चली गई। जबकि सैकड़ों जख्मी हो गए।
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दरअसल, जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे मेन रोड पर सैकड़ों महिलाएं और बच्चे सीएए के खिलाफ़ धरना दे रहे थे। इससे ट्रैफिक रुक गया और लोगों को परेशानी हो रही थी। 23 फरवरी की शाम भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अपने कुछ समर्थकों के साथ यहां आकर पुलिस की मौजूदगी में कहा कि अगर पुलिस मुख्य मार्ग से धरना नहीं हटवाती है, तो लोग खुद इसे खाली कराने के लिए कदम उठाएंगे। और बस इसी शाम को जाफराबाद में एक भीड़ ने पत्थरबाज़ी शुरू कर दी। अगले दिन यानी 24 फरवरी को धारा 144 लागू कर दी गई। दिल्ली तीन दिन तक जलती रही।
निर्भया इंसाफ
निर्भया के गुनहगारों को फांसी में हो रही देरी को लेकर दुनिया में कई तरह की बातें हुईं। लेकिन आखिरकार वो वक्त आया जब दोषियों को फांसी पर चढ़ाया गया। चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह तिहाड़ जेल में फांसी की सज़ा दे दी गई। इससे पहले इस मामले में तीन डेथ वारंट पर किसी न किसी वजह से रोक लगती रही। लेकिन चौथा डेथ वारंट चारों गुनहगारों की ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ और उन्हें फांसी दे दी गई।
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महाराष्ट्र के पालघर में 16 अप्रैल में दो साधुओं और उनके ड्राइवर को घेर कर बर्बरता पूर्वक मार डाला गया। बाद में पुलिस ने इस सिलसिले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और ये मामला अब भी अदालत में है। वारदात के रोज़ दो साधु अपनी गाड़ी में मुंबई से सूरत जा रहे थे, तब पालघर के गढ़चिंचले गांव की भीड़ ने उन्हें बच्चा चोर समझ लिया। बस, फिर क्या था बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने साधुओं के साथ-साथ उनके ड्राइवर को भी पीट पीट कर मार डाला. इस मामले में क़रीब 4 सौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पकड़े गए आरोपियों में से 11 नाबालिग हैं। 70 साल के साधु कल्पवृक्ष गिरी और 35 साल के साधु सुशील गिरी और उनके ड्राइवर नीलेश तेलगाडे की हत्या की विचलित करनेवाली तस्वीरें भी सामने आई थीं।
सुशांत केस
बॉलीवुड को कई हिट फिल्में देनेवाले 34 साल एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत ने 14 जून को अचानक पूरी दुनिया को सन्न कर दिया. दोपहर को मुंबई के बांद्रा के अपार्टमेंट से उनकी रहस्यमयी हालत में मौत की खबर आई। चश्मदीदों के मुताबिक ये मामला खुदकुशी का था। लेकिन सुशांत के घरवालों के साथ-साथ उनके बहुत से चाहने वालों का ये मानना था कि सुशांत ने खुदकुशी नहीं की, बल्कि उनकी जान ली गई।
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विकास दुबे कांड
कानपुर के चौबेपुर थाना इलाके के बिकरू गांव में एक साथ आठ-आठ पुलिसवालों की जान लेकर पूरे शासन-प्रशासन को हिला देनेवाले गैंगस्टर विकास दुबे का नाम सबको याद होगा। फरार विकास को मध्य प्रदेश की उज्जैन पुलिस ने धर दबोचा था। अपने एनकाउंटर के डर से सकपकाए विकास ने अपनी गिरफ्तारी के दौरान मीडिया के कैमरों के सामने जोर से चिल्ला कर अपनी पहचान बताई थी। विकास की कोशिश थी कि शायद यूं कैमरे के सामने गिरफ्तारी से वो बच जाएगा और पुलिस उसका गलत तरीके से एनकाउंटर नहीं कर पाएगी। लेकिन सही-गलत का तो पता नहीं, लेकिन चंद घंटे गुजरते-गुजरते विकास दुबे पुलिस की गोलियों का शिकार बन गया।
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पुलिस ने बताया कि कानपुर से ऐन पहले सचेंडी इलाके। में विकास दुबे को लेकर आ रही पुलिस की कार एक्सीडेंट का शिकार हो गई थी। मौके का फायदा उठा कर विकास दुबे ने ना सिर्फ पुलिसवालों से गन छीन ली, बल्कि गोलियां चलाते हुए भागने की कोशिश करने लगा था। जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे को गोली लगी और वो ढेर हो गया।
हाथरस गैंगरेप
यूपी के हाथरस के एक गांव में 14 सितंबर को एक लड़की एक खेत में बेहद नाज़ुक हालत में मिली. जिसके साथ गैंगरेप किए जाने का इल्ज़ाम था। पहले लड़की को इलाज के लिए अलीगढ़ के अस्पताल में ले जाया गया और फिर उसकी हालत को देखते हुए उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर किया गया। इस दौरान पीड़िता ने अपने ही गांव के 4 लड़कों पर गैंग रेप का आरोप भी लगाया। जिसके बाद लोकल पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन निर्भया से मिलते-जुलते इस मामले में तब एक बड़ा ट्विस्ट आ गया, जब पुलिस ने खुद अपनी तरफ से जबरन लड़की की लाश का उसके गांव में ही अंतिम संस्कार कर दिया।