सोमवार को नागपुर में अचानक हिंसा भड़क उठी, जिसकी वजह बनी एक अफवाह। यह खबर तेजी से फैल गई कि एक धार्मिक ग्रंथ को जला दिया गया है। यह अफवाह उस समय उड़ी जब कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इसके बाद दो समुदायों के बीच टकराव हुआ, जिसने उग्र रूप ले लिया। शहर के कई इलाकों में पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर यह विवाद शुरू कैसे हुआ और इसके पीछे की असली वजह क्या थी? आइए, इस पूरे मामले को पांच बिंदुओं में समझते हैं।
- हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
नागपुर में हुई हिंसा की मुख्य वजह अफवाहें थीं। संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर एक दक्षिणपंथी संगठन ने प्रदर्शन किया था। इसी दौरान यह खबर फैली कि विरोध प्रदर्शन के दौरान एक धार्मिक ग्रंथ को जला दिया गया। इस प्रदर्शन का आयोजन विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने किया था, जहां कथित तौर पर एक कपड़े को जलाया गया, जिस पर धार्मिक पंक्तियाँ लिखी थीं। इस घटना के बाद मुस्लिम समुदाय में गुस्सा फैल गया, जिससे नागपुर के कई इलाकों में तनाव बढ़ गया। बाद में पथराव और हिंसा शुरू हो गई, जिसमें चार लोग घायल हो गए।
- नागपुर के महल इलाके में धारा 144 लागू
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इसके साथ ही, हिंसा को रोकने के लिए नागपुर के महल इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई। यह कानून किसी भी स्थान पर चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाता है, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में हुई हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया कि उपद्रव फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि समाज में तनाव फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और जो लोग पुलिस पर हमला कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
- पुलिस आयुक्त का बयान
नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने बताया कि कुछ लोग पुलिस स्टेशन पहुंचे और उन्होंने एक तस्वीर जलाने की घटना की शिकायत दर्ज कराई। इसी मुद्दे को लेकर माहौल गरम हो गया और शाम 8 बजे के आसपास हालात बिगड़ने लगे। हिंसा के दौरान पथराव किया गया और दो वाहनों में आग लगा दी गई। हालात को काबू में करने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई और लोगों से अपील की गई कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
- प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा?
इस हिंसा को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ नकाबपोश लोग अचानक इलाके में पहुंचे और उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी। वे दुकानों में घुसे, वाहनों को आग के हवाले कर दिया और लोगों के घरों पर पत्थर फेंके। इस घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और दोषियों की पहचान की जा रही है। फिलहाल, प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण पा लिया है, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है।