शोरूम से नई गाड़ी खरीदने के बाद अब आपको हाई-सिक्यॉरिटी नंबर प्लेट के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
सड़क परिवहन मंत्रायल ने ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के लिए गाड़ी के साथ ही एचएसआरपी देना अनिवार्य कर दिया है। यह व्यवस्था अप्रैल 2019 से लागू होगी।
सड़क परिवहन मंत्रायल के आदेश के बाद वाहन निर्माता कंपनियों को गाड़ी के साथ हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट देना होगा। इसके साथ ही अब गाड़ी को बेचने से पहले डीलर्स को इसे गाड़ी पर लगाकर ग्राहकों को देना होगा।
सड़क परिवहन मंत्रायल की तरफ से दिए गए आदेश के बाद अब वाहन निर्माता कंपनियां तीसरा रजिस्ट्रेशन मार्क भी बनाएंगी। इसमें गाड़ी में कौन सा ईधन इस्तेमाल हो रहा है इसके लिए भी कलर कोडिंग किया जाएगा।
मंत्रालय ने पुराने या फिर मौजूदा वाहनों को लेकर कहा, ‘रजिस्ट्रेशन मार्क लगने के बाद वाहन निर्माता कंपनी की तरफ से दिए गए हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट को कंपनी के डीलर्स भी लगा सकते हैं।’
हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की मदद से चोरी या दुर्घटना के तुरंत बाद उस वाहन और उसके मालिक से जुड़ी जानकारी हासिल हो सकेगी। हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट पर ग्राहकों को पांच साल की गारंटी मिलेगी।
इसमें तीसरा रजिस्ट्रेशन मार्क को एक बार निकाले पर यह खराब हो जाएगा। स्टिकर में रजिस्ट्रेशन नंबर, रजिस्ट्रेशन करने वाली अथॉरिटी, लेजर-ब्रैंडेड परमानेंट नंबर के साथ इंजन नंबर और चेसिस नंबर की जानकारी मिलेगी।
इससे किसी भी वाहन को चोरी करना पहले से बहुत मुश्किल हो जाएगा। हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के लिए ग्राहकों को किसी भी तरह का कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। यह वाहन की कीमत में शामिल होगा।