कहा जाता है कि अगर गलती अनजाने में हो जाए तो विकास की राह में बाधा बन जाता है किंतु अगर गलती जानबूझ कर की जाए तो विकास ही रुक जाता है। ऐसा ही कुछ अपने देश भारत की शिक्षा व्यवस्था के साथ हो रहा है जहां शिक्षकों के कई लाख पद खाली होने के बावजूद राज्य सरकारें पदों को भरने का काम नहीं कर रहीं हैं और देश में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली जारी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में 9 लाख से ज्यादा शिक्षकों की कमी है। गोवा, उड़ीसा और सिक्किम जैसे राज्यों को छोड़ कर सभी राज्यों में शिक्षकों की भारी कमी है।

लोकसभा में पेश की गई रिपोर्ट में मानव संसाधन मंत्रालय ने कहा कि शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए राज्य सरकारों के साथ लगातार बातचीत चल रही है। मानव संसाधन मंत्रालय इसको लेकर कई बार राज्य सरकारों को कई एडवाइजरी भी जारी कर चुका है। बता दें की शिक्षकों की भारी कमी की सबसे बड़ी वजह राज्य सरकारों की इसमें रूचि न लेना बताया जा रहा है।

इस समय उत्तर प्रदेश में 2.24 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं जो कि अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे ज्यादा है। वहीं बिहार में 2.03 लाख, पश्चिम बंगाल में 87 हजार, झारखंड में 78 हजार, मध्य प्रदेश में 66 हजार, छत्तीसगढ़ में 48 हजार, राजस्थान में 36 हजार पद खाली हैं।

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