पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष से लेकर जनता तक सभी की आलोचना झेल रही है। जिसके बाद अब सरकार लोगों को राहत देने के लिए ऑयल एंड नेचुरल गैस (ONGC)  जैसी तेल उत्पादक कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है। सरकार के इस कदम से पेट्रोल-डीजल के दाम दो रुपए तक कम हो सकते हैं।

बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी, जिसके बाद सरकार की तरफ से बताया गया कि वह इसके लॉन्ग टर्म सॉलुशंस पर काम कर रही है।

वहीं इस बैठक से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारतीय तेल उत्पादक कंपनियों के लिए कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरेल तक सीमित की जा सकती है। उन्होंने बताया कि अगर यह योजना अमल में लाई जाती है तो भारतीय ऑयल फील्ड से तेल निकाल कर उसे अंतरराष्ट्रीय दरों पर बेचने वाली तेल उत्पादक कंपनियां अगर 70 डॉलर प्रति बैरेल की दर से ज्यादा पर पेट्रोल बेचती हैं, तो उन्हें आमदनी का कुछ हिस्सा सरकार को देना होगा।

इसके अलावा सरकार ग्राहकों को राहत देने के लिए एक्साइज़ में थोड़ी कटौती कर सकती है। वहीं राज्यों से भी वैट और सेल्स टैक्स कम करने को कहा जा सकता है। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों को इन कदमों से तत्काल थोड़ी राहत मिलने का अनुमान है।

सूत्रों ने बताया कि सरकार इस मामले में आगे किसी आलोचना से बचने के लिए सरकारी और निजी दोनों तरह की पेट्रोल उत्पादक कंपनियों को सेस लगाने की सोच रही है।

जानकारी के लिए बता दें कि वैश्विक स्तर पर विंडफॉल टैक्स कई विकसित देशों में लगाया जाता है। साल 2011 में ब्रिटेन ने उत्तरी सागर से निकलने वाले तेल और गैस से मिले मुनाफे पर उस सूरत में टैक्स लागू करने का फैसला किया था जब कीमतें 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली जाएंगी।

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