अखिलेश सरकार में कद्दावर मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के बुरे दिनों की उलटी गिनती शुरू हो गई है। गैंग रेप तथा पॉक्सो के मामले में जेल में बंद प्रजापति तथा उनके साथियों के खिलाफ आज आरोप तय होंगे। इससे पहले लखनऊ में उनका अवैध निर्माण भी गिराया गया था।
बता दें कि चौक के पुलिस क्षेत्राधिकारी राधेश्याम राय ने विशेष न्यायाधीश उमा शंकर शर्मा की कोर्ट में 824 पृष्ठ का आरोप पत्र पेश किया था। राय के नेतृत्व में मामले की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने गायत्री प्रजापति, उनके गनर चंद्रपाल, रूपेश्वर उर्फ रूपेश, अशोक तिवारी, विकास वर्मा,अमरेन्द्र सिंह और आशीष शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। जबकि प्रजापति, अमरेन्द्र, आशीष और अशोक के खिलाफ ‘पॉक्सो’ कानून के तहत भी आरोप लगे हैं।
दरअसल ‘पॉक्सो’ का मतलब होता है प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012। इस एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है और इसी के तहत अब प्रजापति और अन्य लोगों पर आरोप तय होंगे।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 18 फरवरी को लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में सामूहिक बलात्कार पीडि़ता की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद गायत्री और अन्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक जांच में खुलासा हुआ था कि गायत्री प्रसाद प्रजापति को इसी मामले में जमानत देने के लिए 10 करोड़ रुपये में डील की गई थी। खुलासा तब हुआ जब इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीबी भोसले ने प्रजापति को जमानत देने के लिए जांच कमेटी गठित की। जांच में पाया गया है कि संवेदनशील न्यायालयों में जहां रेप और मर्डर जैसे जघन्य अपराधों की सुनवाई होती है वहां जजों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर धांधली हुई।
गौरतलब है कि प्रजापति अखिलेश सरकार में खनन मंत्री से लेकर परिवहन मंत्री तक रहे थे। यहां तक कि जेल में रहने के दौरान मुलायम सिंह यादव लखनऊ जेल में गायत्री प्रजापति से मिलने गए थे। जहां मुलायम सिंह से मुलाकात के बाद प्रजापति बहुत ही भावुक हो गए थे और उन्होंने मुलायम सिंह से अपने को जेल से बाहर निकालने की गुजारिश की थी।