भारत से 9 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेकर फरार विजय माल्या को भारत का प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) व सीबीआई पिछले कई महीनों से भारत लाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। लगता है भारत की इन कोशिशों को कुछ कामयाबी मिली है। आज दोपहर खबर आई कि लंदन में विजय माल्या को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि 3 घंटे के बाद माल्या को बेल मिल गई।

 

कैसे हुई गिरफ्तारी-

दरअसल, फरवरी को भारत सरकार ने यूके से गुजारिश की थी, जिसके बाद यूके की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने अरुण जेटली से मार्च में सारे प्रोटोकॉल तोड़कर मुलाकात की थी और विजय माल्या के केस पर चर्चा की थी और अब इस मुलाकात के लगभग 1 महीने बाद स्कॉटलेंड यार्ड पुलिस ने विजय माल्या को गिरफ्तार कर लिया।

विजय माल्या के खिलाफ एक्स्ट्राडीशन वॉरंट जारी किया गया जिसके बाद माल्या खुद ही सेंट्रल लंदन पुलिस स्टेशन पहुंचे जहां उसे गिरफ्तार किया गया और 3 घंटे के बाद उनको बेल मिल गई। बेल मिलने के बाद विजय माल्या ने ट्वीट किया कि अक्सर भारतीय मीडिया हौव्वा बनाती है, आज एक्स्ट्राडीशन हियरिंग शुरु होनी ही थी।

गिरफ्तारी के पीछे का मूल कारण है भारत-यूके के बीच हुई संधि। गौरतलब है कि दोनों देशों में 1992 में म्युचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी(MLAT) हुई थी। जिसके तहत दोनों देशों के बीच आपाराधिक मामलों के आरोपियों को ट्रांसफर किया जा सकता है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो आपाराधिक मामलों में दोनों देश एक दूसरे की मदद कर सकते हैं। और इसी संधि की वजह से भारत में विजय माल्या की वापसी होगी।

विजय माल्या की गिरफ्तारी के बाद वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने बयान दिया कि अब ब्रिटिश कोर्ट माल्या के प्रत्यार्पण मामले पर फैसला लेगी। भारत ने ब्रिटिश में चार्जशीट दायर कर दी है और अब यूके की कोर्ट के फैसले का इंतजार है मगर एक बात तय है कि जिस तरीके से विजय माल्या भारत से भागने में कामयाब रहा था, यूके से नहीं भाग सकता क्योंकि विजय माल्या के पास पासपोर्ट नहीं है, उनके पासपोर्ट को भारत द्वारा रद्द किया जा चुका है। ब्रिटिश के फैसले के बाद ही माल्या को भारत वापस लाया जा सकेगा और इस प्रत्यार्पण की पूरी प्रक्रिया में लगभग 4 से 6 महीने तक का वक्त लग सकता है।

विजय माल्या पर आरोप-

विजय माल्या एक शराब कारोबारी है जिस पर 31 जनवरी 2014 तक बैंकों का 6,963 करोड़ बकाया था, मगर ब्याज के बाद यही रकम 9000 हजार करोड़ से भी ज्यादा हो गई थी। सीबीआई ने 1000 से भी ज्यादा पेज की चार्जशीट में कहा कि एयरलाइंस ने आईडीबीआई की तरफ मिले लोन का निजी इस्तेमाल किया है, जिसमें 900 हजार करोड़ में से करीब 254 हजार करोड़ उसके निजी काम के लिए प्रयोग किए गए हैं। इसके बाद किंगफिशर एयरलाइंस को अक्टूबर 2012 में बंद कर दिया था और दिसंबर 2014 में इसका फ्लाइट परमिट में रद्द कर दिया गया। माल्या गत वर्ष 2016 मार्च में भारत छोड़कर विदेश भाग गए थे जिसके बाद से उसे मनी लॉन्डरिंग केस की जांच के तहत भगौड़ा घोषित कर दिया गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here