कहते हैं कानून किसी से भेदभाव नहीं करता है। कानून सभी के लिए एक समान है। कुछ इसी की तर्ज पर आजाद भारत में पहली बार किसी महिला कैदी को फांसी पर चढ़ाया जाएगा। इस के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। मथुरा स्थित उत्तर प्रदेश के इकलौते महिला फांसीघर में अमरोहा की रहने वाली शबनम को मौत की सजा दी जाएगी। फांसी घर का निरीक्षण किया जा रहा है। निर्भया के आरोपियों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के पवन जल्लाद भी दो बार फांसीघर का निरीक्षण कर चुके हैं।

150 साल पहले बना था फांसीघर

गौरतलब है कि मथुरा जेल में 150 साल पहले महिला फांसीघर बनाया गया था। लेकिन आजादी के बाद से अब तक किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई। वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि अभी फांसी की तारीख तय नहीं है, लेकिन हमने तयारी शुरू कर दी है।

अभी फांसी की तारिख तय नहीं है। डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी। साल 2008 से जेल की सजा काट रही शबनम के जिवन के कुछ ही दिन बचे हैं। खबर है कि, डेथ वारटं जल्द ही जारी किया जा सकता है।

परिवार के 7 लोगों को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतारा

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अप्रैल 2008 में प्रेमी के साथ मिलकर अपने सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी थी। राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका खारिज कर दी है। लिहाजा आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा।

निरीक्षण के दौरान पता चला ता कि, तख्ता-लीवर में कमी दिखी, जिसे ठीक करवाया जा रहा है। बिहार के बक्सर से फांसी के लिए रस्सी मंगवाई जा रही है। अगर अंतिम समय में कोई अड़चन नहीं आई तो शबनम पहली महिला होंगी जिसे आजादी के बाद फांसी की सजा होगी।

13 साल पहले हुई थी घटना

बात 13 साल पहले 15 अप्रैल 2008 की रात गांव के एक घर से अचानक लड़की के दहाड़े मार-मारकर रोने की आवाजें आती हैं। लड़की के रोने की आवाजें, चीखें सुनकर गांव के लोग घर पहुंचते हैं। घर के अंदर का नजारा देखकर ग्रामीणों के होश उड़ जाते हैं। घर में चारों तरफ खून, सात लोगों की खून से लथपथ लाशें और रोती-बिलखती 25 साल की शबनम। शबनम चीख-चीख कर बताती है घर में लुटेरे आए और उसके परिवार को बेरहमी से मार डाला।

गांव में दहशत फैल जाती है। इसी बीच सूचना पाकर पुलिस मौके पहुंचती है और जांच शुरू होती है। जांच में पुलिस को पता चलता है कि लुटेरे नहीं, बल्कि शबनम ने ही अपने मां-बाप, दो भाई, एक भाभी, मौसी की बेटी और एक भतीजे को कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया।

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