उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के खोराबार क्षेत्र के कुसम्हीं जंगल में मंगलवार देर रात हुयी मुठभेड़ में गिरफतार किया गया 25 हजार का ईनामी वन माफिया तथा पांच पुलिसकर्मी घायल हो गये।
गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने बुधवार को बताया कि घायल वन माफिया की पहचान खेराबार थाना क्षेत्र के जंगल राम लखना, मल्लाह टोला निवासी शिवशरन के रूप में हुयी है। इस मुठभेड में खोराबार थाने के दरोगा दीपक सिंह भी घायल हो गये और दोनो जिला अस्पताल में उपचार के भर्ती कराया गया है। इसके अलावा अन्य चार पुलिसकर्मियों को हल्की चोटे आयी है। श्री माथुर ने बताया कि पिछले 14 जुलाई को कुसम्हीं जंगल में डिप्टी रेंजर को गोली मारे जाने के मामले में वन माफिया शिवशरन की तलाश चल रही थी और 18 जुलाई को उस पर 25 हजार रूपये का ईनाम घोषित हुआ था।
उन्होंने बताया कि कल लगभग ग्यारह बजे रात को उसके खोराबार इलाके में मौजूद होने की सूचना पर क्राइम ब्रांच की टीम उसे तलाश करने पहुंची थी कि एक मोटरसाइकिल पर सवार दो युवकों को संदेह के आधार पर रोकने का प्रयास किया तो पुलिस की टीम देखकर कुसम्हीं जंगल की तरफ भागने लगे। पुलिस टीम द्वारा पीछा करने पर बदमाशों को घेरने में सफल हो गयी। श्री माथुर ने बताया कि पुलिस द्वारा गिरफतार करने का प्रयास किया जा रहा था कि इसी बीच बदमाशों ने पुलिस टीम पर गोली चलानी शुरू कर दी। एक गोली खोराबार के दरोगा दीपक सिंह के पैर में रगडते हुए निकल गयी। पुलिस की जवाबी गोली से एक बदमाश घायल हो गया तथा दूसरा अंघेरे का फायदा लेकर भागने में सफल हो गया जिसकी तलाश चल रही है।
गिरफतार बदमाश के पास से तमंचा तथा खोखा कारतूस बरामद हुआ है। उन्होंने बताया कि घेराबंदी करने के प्रयास में क्राइम ब्रांच के चार पुलिसकर्मी घायल हो गये हैं। लकड़ी तस्करों के गोरखपुर में सबसे बडे गैंग सरगना गिरफ्तार शिव शरन साहनी करीव ढायी माह पहले ही जेल से जमानत पर छूटकर आया था। जेल से बाहर आते ही वह एक बार फिर कुसम्हीं जंगल में अवैध कटान कराने तथा लकडी तस्करी के धंधे में लिप्त हो गया था। उसका अवैध करोबार इतना लम्बा हो गया था कि पेडों की कटान के लिए उसने कयी दिहाडी मजदूर रख रखा था। गिरफ्तार साहनी पर खोराबार थाने में उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और वन अधिनियम के तहत कयी मुकदमें दर्ज है। पिछले 14 जुलाई को डिप्टी रेंजर को गोली मारे जाने की घटना में उसका नाम प्रकाश में आने के बाद से ही पुलिस सरगर्मी से उसकी तलाश कर रही थी।
गत् माह 14 जुलाई की रात को डिप्टी रेंजर छी एन पान्डेय को कुसम्हीं जंगल के सूबा बीट पर पेड काटे जाने की सूचना मिली थी। इसी आधार पर वह अपनी टीम के साथ तस्करों को पकडने पहुंच गये थे। जंगल में उन्होंने घेराबंदी शुरू की थी और तस्करों को इसकी भनक लग गयी। वन विभाग की टीम पर उन्होंने गोली चलानी शुरू कर दी और इस दौरान कंधे में गोली लगने से डिप्टी रेंजर घायल हो गये। पुलिस की छानबीन में शातिर वन माफिया शिवशरन साहनी सहित छह गुर्गों का नाम आया था जिसमें पुलिस ने दो दिन के अन्दर चार को गिरफतार कर लिया था और अभी भी इसमें एक शेष मणि नामक बदमाश फरार है।