उत्तरप्रदेश और पंजाब की राह पर चलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों का डेढ़ लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की है।  फडणवीस ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि “इससे 89 लाख किसानों को फायदा होगा, जबकि राजकोष पर 34 हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जो किसान नियमित रूप से कर्ज भर रहे हैं उन्हें 25 प्रतिशत या 25 हजार रुपये तक अनुदान दिया जाएगा।”

दरअसल, महाराष्ट्र के किसान लगातार कर्जमाफी की मांग कर रहे थे। फडणवीस ने कल मंत्रिमंडल की विशेष बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए किसानों के कर्ज माफी की औपचारिक घोषणा की। इस दौरान फडणवीस ने यह भी कहा कि, “सरकार ने कर्ज माफी के लिए ‘छत्रपति शिवाजी कृषि सम्मान योजना’ तैयार की है, इसके तहत करीब 40 लाख किसान पूरी तरह से कर्ज मुक्त हो जाएंगे।”

इसके अलावा उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने राज्य के किसानों का सात हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था लेकिन हमारी मौजूदा सरकार 34 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर रही है। फडणवीस ने कहा, “पिछली सरकार के समय कर्ज माफी में जो घोटाला हुआ था, उस तरह का घोटाला नहीं होने दिया जाएगा।” इसके साथ ही फडणवीस ने माना कि इस फैसले से सरकार के राजकोष पर भारी दवाब पड़ेगा लेकिन इसकी भरपाई करने के उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम बैंक अधिकारियों के साथ बैठक कर कर्ज के चुकता करने के संबंध में चर्चा करेंगे।

वहीं महाराष्ट्र सरकार में भाजपा के मंत्रियों ने एक महीने की तनख्वाह किसान ऋण के लिए देने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि चूंकी कर्ज माफी से सरकार पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है इसलिए वे अपनी एक महीने की तनख्वाह दान में दे रहे हैं ।

आपको बता दें कि जिन किसानों के ऋण का पुनर्गठन 2012 से 2016 के बीच हुआ है और इसके बावजूद 30 जून 2016 तक कर्ज चुकाने में असमर्थ थे, उन्हें 25 फीसदी फसल ऋण या 25 हजार रुपये जो भी कम है इंसेटिव दिया जाएगा। वहीं छह फीसदी किसानों को एकमुश्त निपटान योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। यह उन्हें मिलेगा जिनकी देनदारी 1.5 लाख रुपये तक है। हालांकि प्रदेश में एक सप्ताह के अंदर अब तक 4 किसान आर्थिक संकट के चलते आत्महत्या कर चुके हैं।

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