किसान संगठनों के नेता तीनों कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार देर रात तक 13 किसान नेताओं के साथ एक बैठक की और किसान नेताओं को सरकार की मंशा से वाकिफ करा दिया कि किसी भी कीमत पर कानून वापस नहीं होंगे। हालांकि सरकार की तरफ से किसानों को आज लिखित प्रस्तावना दी जा सकती है, जिसमें कुछ संशोधनों की बात हो सकती है।
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच बातचीत का रास्ता निकला है। सरकार की ओर से कृषि कानूनों में कुछ संशोधन किए जा सकते हैं, जिनपर किसान अड़े हुए थे। हालांकि, सरकार कानून वापस ना लेने पर अड़ी है और किसानों को संशोधन का लिखित प्रस्ताव दे सकती है। केंद्र की ओर से इस प्रस्ताव में APMC एक्ट और MSP पर सरकारों को लिखित भरोसा दिया जा सकता है।
इसी मद्देनजर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हो चुकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में उन प्रस्तावों पर भी मुहर लगेगी, जो किसानों को भेजी जानी हैं।
किसानों को दिए जाने वाले लिखित प्रस्ताव में सरकार मुख्य रुप से ये पांच मुद्दों को शामिल कर सकती है। इन मसलों पर सरकार और किसानों के बीच हुई बैठकों में चर्चा हुई है और सरकार की ओर से कुछ ढिलाई के संकेत दिए गए हैं।
1. APMC एक्ट (मंडी सिस्टम) को मजबूत करना।
2. ट्रेडर्स के साथ व्यापार को सिस्टमैटिक तरीके से लागू करना।
3. किसी तरह की दिक्कत होने पर स्थानीय कोर्ट जाने का विकल्प
4. MSP जारी रहने का प्रस्ताव।
5. पराली जलाने के खिलाफ सख्त हुए कानून में कुछ संशोधन।

आपको बता दें कि कल किसान संगठनों ने इसी के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया था, जिसमें कई राजनीतिक दलों ने भी साथ दिया था। भारत बंद के बाद आज किसान नेताओं और सरकार के बीच वार्ता होने वाली थी, जिसे फिलहाल टाल दिया गया है। इस बीच आज शाम कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष के पांच नेता, जिनमें राहुल गांधी और शरद पवार भी शामिल हैं, आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे।