Election Commission: चुनाव आयोग (Election Commission) ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की घोषणा करते हुए आज कहा कि राजनीतिक दलों को आपराधिक अतीत वाले उम्मीदवारों के चयन के पीछे के कारणों को अनिवार्य रूप से बताना होगा। आयोग ने यहां तक कहा कि केवल कारण के रूप में “जीतने की क्षमता” पर्याप्त नहीं होगी। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि पार्टियों को उम्मीदवारों के बारे में जानकारी देनी होगी।
Election Commission ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंंस में क्या कहा?
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा, “राजनीतिक दलों के लिए यह अनिवार्य है कि वे चुनाव उम्मीदवारों के रूप में चुने गए लंबित आपराधिक मामलों वाले व्यक्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें। उन्हें उम्मीदवार का चयन करने के लिए एक कारण भी देना होगा।”
आयोग ने शनिवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नागरिकों को अपने उम्मीदवारों को जानने का अधिकार है। उम्मीदवारों के बारे में विवरण चुनाव आयोग के Know Your Candidate वेब पेज पर भी अपलोड करना होगा।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग का यह फैसला पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप है कि राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइटों पर चुनाव उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामलों का विवरण और “राजनीति के अपराधीकरण में खतरनाक वृद्धि” का मुकाबला करने के लिए उन्हें चुनने के कारणों को अपलोड करना होगा।
विदित हो कि शीर्ष अदालत ने पिछले साल निर्देश दिया था, “उम्मीदवारों का चयन करने का कारण योग्यता के आधार पर होना चाहिए न कि जीतने की क्षमता के आधार पर।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि राजनीतिक दल विवरण देने में विफल रहते हैं, या चुनाव आयोग निर्देश को लागू करने में असमर्थ है, तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा।
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