दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को चुनाव आयोग ने ‘लाभ के पद’  के मामले में बड़ा झटका दिया है। चुनाव आयोग ने आज (19 जनवरी) बड़ी कार्रवाई करते हुए लाभ के पद मामले में आप के 20  विधायकों को अयोग्य घोषित किया है। चुनाव आयोग अपनी ये रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजेगा। जिस पर कोविंद अंतिम मुहर लगाएंगे।  इसी के साथ दिल्ली की 20 सीटों पर उपचुनाव की नौबत आ गई है।

चुनाव आयोग की शुक्रवार को टॉप मीटिंग के बाद इस बारे में राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजने का फैसला हुआ। मामले की जांच राष्ट्रपति के निर्देश पर ही हो रही थी। हालांकि आप इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दे सकती है। चुनाव आयोग ने आप के 21 विधायकों को ‘लाभ का पद’ मामले में कारण बताओ नोटिस दिया था। इस मामले में पहले 21 विधायकों की संख्या थी, लेकिन जरनैल सिंह पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।

आप के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। इसके साथ ही आप विधायक अनिल बाजपेयी का कहना है कि चुनाव आयोग का फैसला लोकतंत्र की हत्या है।

EC has declared 20 aap mlas to be disqualifiedचुनाव आयोग का फैसला आते ही बीजेपी ने कहा है कि केजरीवाल सरकार बर्खास्त कर देनी चाहिए। बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल से भी तत्काल इस्तीफा मांगा।

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने मार्च, 2015 में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया था। इसको लेकर प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी और कांग्रेस ने सवाल उठाए थे। इसके खिलाफ प्रशांत पटेल नाम के शख्स ने राष्ट्रपति के पास याचिका लगाकर आरोप लगाया था कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर हैं, इसलिए इनकी सदस्यता रद होनी चाहिए। दिल्ली सरकार ने दिल्ली असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन ऐक्ट-1997 में संशोधन किया था। इस विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से छूट दिलाना था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नामंजूर कर दिया था।  इसके बाद से इन सभी 21 विधायकों की सदस्यता पर और सवाल खड़े हो गए थे।

आप के 20 विधायक जिन पर चुनाव आयोग ने की कार्रवाई:

प्रवीण कुमार, शरद कुमार, आदर्श शास्त्री, मदन लाल, चरण गोयल, सरिता सिंह, नरेश यादव, जरनैल सिंह, राजेश गुप्ता, अलका लांबा, नितिन त्यागी, संजीव झा, कैलाश गहलोत, विजेंद्र गर्ग, राजेश ऋषि, अनिल कुमार वाजपेयी, सोमदत्त, सुलबीर सिंह डाला, मनोज कुमार,अवतार सिंह।