भारत सरकार की कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने की कोशिशें कामयाब होती नजर आने लगी है। वैक्सीनेशन के साथ साथ लॉक डाउन आदि प्रयासों से कोरोना के रोज आने वाले मामले कम होने लगे हैं। लेकिन इसे लेकर राजनीति कम होने का नाम नहीं ले रही। देश में अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ती कांग्रेस पर एक टूलकिट के जरिए भी लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने के आरोप लगे हैं। कुछ दिनों पहले पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक वीडियो भी कोरोना के एक स्ट्रेन को लेकर भारत का नाम खराब करने के लिए सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ था।
अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोरोना से मौत के सरकारी और अनुमानित आंकड़ों से जुड़ी ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक खबर साझा कर सरकार पर हमला बोला है। दरअसल,राहुल गांधी ने द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया था कि नंबर झूठ नहीं बोलते। भारत सरकार बोलती है। विदेशी अखबार की इस खबर में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार के कोरोना संबंधित आंकड़ों और असलियत में बहुत अंतर है।
लेकिन केंद्र सरकार ने राहुल गांधी को लाशों को संख्या देख कर खुश होने वाला गिद्ध करार दिया है। दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश में राहुल के इस ट्वीट पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पलटवार किया है। इस बार केंद्र की ओर से पलटवार कर गिद्ध तक कहना कई मायनों में बड़ी बात है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राहुल गांधी के ट्वीट के रिप्लाई में कहा, ”लाशों पर राजनीति, कांग्रेस स्टाइल! पेड़ों पर से गिद्ध भले ही लुप्त हो रहे हों, लेकिन लगता है उनकी ऊर्जा धरती के गिद्धों में समाहित हो रही है। राहुल गांधी जी को दिल्ली से अधिक न्यूयॉर्क पर भरोसा है। लाशों पर राजनीति करना कोई धरती के गिद्धों से सीखे।”
कोरोना की महामारी को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है। कोरोना को काबू करने से लेकर लोगों के टीकाकरण तक के लिए विपक्ष सवाल उठाता रहा है। इन दिनों हर मुद्दे पर सरकार को घेर रहे राहुल ने हाल में टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस के ट्विटर के कार्यालय में छापेमारी के बाद उन्होंने कहा था कि सत्य किसी से डरता नहीं है।
हालांकि यह भी एक सत्य है कि में जिस तरह से कि सिंगापुर जैसे छोटे देश पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जब उसका नाम लेकर लांछन लगाया तो उसने पूरी कड़ाई से इसका प्रतिकार किया। सिंगापुर ने ऐसा हड़काया कि केजरीवाल की बोलती बंद हो गई। भारत सरकार को भी अंतर्राष्ट्रीय़ संबंधों को ना बिगाड़ने की केजरीवाल को चेतावनी देनी पड़ी। मतलब यह कि जब किसी अन्य देश की प्रतिष्ठा पर बात आती है तो वह और उसका पूरा तंत्र एकजुट होता है। लेकिन यहां के विपक्षी दल भारत देश और भारत की चिकित्सा तंत्र पर ही निशाना साधने में लगे हैं।