उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने आगरा की नाजिया को उसकी बहादुरी  के लिए विशिष्ट तोहफा दिया है। प्रदेश पुलिस ने नाजिया खां को विशेष पुलिस अधिकारी बनाया है। नाजिया अब आगरा पुलिस की विशेष पुलिस अधिकारी होंगी। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने सम्मान देते हुए नाजिया खां को SPO के रूप में मनोनीत किया है।

नाजिया को इस साल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार नवाजा गया था। गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों यह पुरस्कार दिया गया। उन्होंने नाजिया को प्‍यार से ‘लड़ाकू’ बोला था।

7 अगस्त, 2015 को हुई अपहरण की घटना में शामिल अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली नाजिया इस साल पुरस्कार पाने वाली प्रदेश की इकलौती छात्रा रहीं। नाजिया को वर्ष 2016 में उत्‍तर प्रदेश सरकार की ओर से रानी लक्ष्‍मीबाई पुरस्‍कार से भी नवाजा जा चुका है।

बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई करते समय नाजिया ने दिलेरी दिखाते हुए आठ साल की बच्‍ची को अपहरण होने से बचाया था।

पूरा  मामला

गौरतलब है कि आगरा में सात अगस्त, 2015 को नाजिया खां स्कूल से वापस आ रही थीं। इसी बीच दिन के करीब 12.30 बजे छह वर्ष की एक बच्ची को दो बाइक सवार अपहरण करके ले जाने लगे। उसको बाइक पर बैठा रहे थे। इस दौरान वहां पर बहुत लोग मौजूद थे, लेकिन किसी ने इस मामले की ओर ध्यान नहीं दिया। सब अपने में व्यस्त रहे लेकिन जांबाज नाजिया खां ने अपना बैग फेंका और बाइक के पास पहुंच गई। उस समय तक हेल्मेट लगाए अपहरणकर्ताओं ने तब तक बच्ची को बाइक पर बैठा लिया था। इसी बीच नाजिया ने बच्ची के फ्रॉक को पकड़ लिया और उसे अपनी ओर खींचा। नाजिया के इस प्रयास से बाइक सवार दोनों बदमाश गिर पड़े। इस दौरान बदमाशों ने नाजिया खां पर हमला भी किया, लेकिन उसने अपनी जान की परवाह किए बिना बच्ची को नहीं छोड़ा। नाजिया को बदमाशों ने भिड़ता देख कुछ अन्य लोग मदद के लिए दौड़े जिससे बदमाशों के हौसले पस्त हुए और मौका देख बदमाश भाग निकले। इस घटना के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने दोनों बदमाशों को पकड़ा।