दिल्ली में रहना और यहां आवाजाही करना लोगों को और महंगा पड़ सकता है क्योंकि दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ गया है। मेट्रो में न्यूनतम किराया तो 10 रुपए ही रखा गया है लेकिन अधिकतम किराया बढ़ाकर 60 रुपए कर दिया गया है। पहले यह 50 रुपए था।
बता दें कि दिल्ली सरकार और डीएमआरसी के बीच लंबे समय से किराया बढ़ोत्तरी को लेकर खींचतान चल रही थी। एक साल में दो बार मेट्रो का किराया बढ़ा है। इधर दिल्ली सरकार ने इसका जमकर विरोध किया था।
इधर, दिल्ली सरकार भी इस फैसले से नाखुश है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, ऐसे ही चला तो मेट्रो एक दिन डूब जाएगी। पहली बढ़ोतरी के बाद डेढ़ लाख यात्री कम हुए हैं। मेट्रो को रियल एस्टेट में काम करना चाहिए ताकि नुकसान को कम किया जा सके। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह बयान सोमवार को विधानसभा में दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र व भाजपा इस किराये को बढ़ाने की साजिश रच रहे हैं, जबकि वक्त की जरूरत है कि किराये को कम किया जाए।
आज से लागू हो रहे नए किराए के अनुसार यात्रियों को 2 किमी तक के लिए 10 रुपए, 2-5 किमी तक के लिए 15 रुपए की बजाय 20 रुपए, 5-12 के लिए 20 से बढ़ाकर 30 रुपए, 12-21 किमी तक का किराया 30 की बजाय 40 रुपए और 21-32 किमी तक के लिए 40 की बजाय 50 रुपए देने होंगे वहीं 32 किमी के बाद किराया 50 रूपए की बजाय 60 रुपए देना होगा।
गौरतलब है कि किराए में की गई बढ़ोत्तरी से मेट्रो में यात्रा करने वाले लोगों की जेब पर असर पड़ेगा जिसके चलते वो नाराज दिखाई दे रहे हैं। मेट्रो में रोजाना यात्रा करने वाले एक शख्स ने बताया कि मेट्रो ने किराए बढ़ाने का कारण घाटा बताया है। लेकिन सच यह है कि मेट्रो में पांव रखने की जगह नहीं होती, सुविधाएं तो बढ़ा नहीं रहे लेकिन किराया बढ़ा रहे हैं।