Delhi Blast: भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थल के पास विस्फोटक से भरी कार छोड़ने का था प्लान, तुर्किये यात्रा के बाद उमर हुआ था कट्टर

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Delhi Blast
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दिल्ली धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। मास्टरमाइंड डॉ. उमर ने राजधानी दिल्ली या किसी प्रमुख धार्मिक स्थल पर भीड़भाड़ वाली जगह में विस्फोटकों से भरी कार खड़ी कर गायब होने की योजना बनाई थी। जांच से यह बात सामने आई है कि जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क के इस मॉड्यूल ने आत्मघाती हमले की भी तैयारी कर रखी थी, जिसने मामले को और गंभीर बना दिया है।

लाल किले के पास कार धमाका—एक आत्मघाती हमला

एनआईए की जांच में पता चला है कि लाल किले के पास हुआ कार बम धमाका एक फिदायीन अटैक था। कश्मीर के रहने वाले आतंकी डॉ. उमर नबी के सहयोगी आमिर राशिद अली से पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली है। इसी सिलसिले में श्रीनगर पुलिस ने पूछताछ के बाद राजनीति विज्ञान के छात्र दानिश को भी गिरफ्तार किया था।

अधिकारियों ने जांच के आधार पर बताया कि उमर भीड़भाड़ वाले इलाके में विस्फोटक कार छोड़कर भागने की साजिश कर रहा था। यह खुलासा जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल के बढ़ते नेटवर्क का संकेत देता है।

तुर्किये यात्रा के बाद हुई कट्टरपंथ की शुरुआत

अधिकारियों के अनुसार, 2021 में डॉ. मुजम्मिल अहमद गनी के साथ तुर्किये यात्रा के बाद उमर का कट्टरपंथ की ओर झुकाव बढ़ा। इसी यात्रा के दौरान दोनों की मुलाकात जैश-ए-मोहम्मद के ओवरग्राउंड वर्कर से हुई थी, जिसने उनके मॉड्यूल को दिशा दी।

20 साल पहले के मॉड्यूल से अलग तरीके

इस मामले ने यह भी दिखाया कि यह मॉड्यूल पुराने आतंकी मॉड्यूल से बिलकुल अलग था। पहले जहां आतंकी संगठनों का ध्यान उन युवाओं पर होता था जो पहले से किसी न किसी रूप में उग्रवादी गतिविधियों से जुड़े होते थे, वहीं अब पढ़े-लिखे और “सफेदपोश” लोग भी शामिल हो रहे हैं। जेलों में कट्टरपंथ बढ़ने का ट्रेंड भी अधिकारियों की चिंता बढ़ा रहा है।

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शक्तिशाली धमाका—30–40 किलो अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग

लाल किले के पास हुए विस्फोट में लगभग 30–40 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है। जांच से संकेत मिले हैं कि धमाके को और ताकतवर बनाने के लिए कोई अन्य केमिकल भी मिलाया गया था। बम कार के पीछे हिस्से में रखा गया था और डेटोनेटर कार के बोनट में फिट किया गया था। घटना स्थल से कई पतले तार, बैटरी कनेक्शन के अवशेष और लगभग 40 सैंपल जांच के लिए उठाए गए हैं।

3.29 घंटे की पार्किंग—क्या अकेले तैयार किया बम?

एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि कार पार्किंग में 3 घंटे 29 मिनट के दौरान उमर ने बम अकेले तैयार किया या कोई उसकी मदद के लिए मौजूद था। इसके लिए उस पूरे क्षेत्र का डंप डेटा उठाया गया है।

5000 से ज्यादा CCTV फुटेज स्कैन

धमाके के बाद जांच टीमों ने दिल्ली, एनसीआर और हरियाणा के 5000 से ज्यादा CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली और आतंकी के आने-जाने के रूट का पता लगाया।
कार के 500 से 600 मीटर के दायरे में बिखरे टुकड़ों की फोरेंसिक जांच की जा रही है ताकि विस्फोटक की सटीक प्रकृति स्पष्ट हो सके।

बिलाल के पोस्टमार्टम में देरी

धमाके में घायल होकर बाद में दम तोड़ने वाले ई-रिक्शा चालक बिलाल अहमद संगू का पोस्टमार्टम परिवार के दिल्ली न पहुंचने के कारण नहीं हो सका। परिवार के आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी होगी।

डॉ. उमर का शव लेने नहीं आया कोई

फिदायीन आतंकी उमर के शव के टुकड़े डीएनए से पहचान के बाद भी अब तक अनक्लेम्ड पड़े हैं। माना जा रहा है कि मंदिर के पास मिली एक कटी हुई भुजा भी उसी की होगी।