By: सर्वजीत सोनी | Edited By: उमेश चंद्र
पिंपरी-चिंचवड़ साइबर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सांगली, मुंबई और अहमदाबाद से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर नर्स के नाम पर फर्जी बैंक अकाउंट खोलकर और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है।
क्राइम नंबर 42/2025 के तहत शिकायतकर्ता से टेलीग्राम के “85 SC India Stock Circle” ग्रुप में स्टॉक ट्रेडिंग का लालच देकर ₹2.10 करोड़ की ठगी की गई।
अलग-अलग हैंडल्स से लिंक भेजकर पैसे ट्रांसफर करवाए गए। ठगी के ₹78 लाख सारस्वत बैंक के उस अकाउंट में मिले जो पूनम रफीक शिकलगर के नाम पर था।
पूनम ने बताया कि उसने अपना अकाउंट मोहम्मद सईद मोहिउद्दीन पटेल को दिया था। मोहम्मद सईद ने यह अकाउंट 12 लाख रुपये में“समर गुप्ता” को बेचा। समर गुप्ता की असली पहचान विशाल दिनेश ठक्कर (ठाणे निवासी) के रूप में सामने आई। विशाल ठक्कर ने Binance USDT के जरिए क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन किए। इसी कड़ी से पुलिस मास्टरमाइंड “फॉर्च्यून” तक पहुंची।
कैसे हुई मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी?
• जानकारी मिली कि फॉर्च्यून वाराणसी से अहमदाबाद उड़ान से आ रहा है।
• साइबर पुलिस ने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर जाल बिछाकर उसे पकड़ लिया।
• उसका असली नाम हर्ष सुरेंद्र प्रताप भदौरिया (कानपुर) निकला।
• अब तक देशभर में 26 लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी होने का पता चला है।
गिरफ्तार आरोपी
1 मोहम्मद सईद मोहिउद्दीन पटेल (25), सांगली
2. विशाल दिनेश ठक्कर उर्फ समर गुप्ता (28), ठाणे
3. हर्ष सुरेंद्र प्रताप भदौरिया उर्फ फॉर्च्यून (32), कानपुर
मामले में पुलिस ने 6 मोबाइल फोन और 39,62,315 रुपये नगद जब्त किए हैं।

यह कार्रवाई पुलिस कमिश्नर विनय कुमार चौबे के मार्गदर्शन में, पीआई रविकिरण नाले और साइबर पुलिस टीम ने की। कानूनी प्रक्रिया में सरकारी वकील सूरत मोहिते ने सहयोग किया।








