दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान का नाम बदलने की सुगबुगाहट क्या हुई। सियासी घमासान छिड़ गया। आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस प्रस्ताव पर भड़क गए हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कुछ सदस्यों के प्रस्ताव पर केजरीवाल ने सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।
जबकि, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि नाम बदलने का तो कोई प्रस्ताव ही नहीं है। अपने बयानों और कार्यों को लेकर छह दशकों से भी अधिक समय के अपने सियासी सफर में बेदाग और अविवादित रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद उनके नाम को लेकर राजनीतिक घमासान छिड़ता नजर आ रहा है।
पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने के मामले में पूरा देश आगे रहा था। अटल बिहारी वाजपेयी को सम्मान देने के मामले में दलों को बंधन टूट गया था। सभी दलों के नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धा सुमन अर्पित किए थे। उन्हें भारत माता का सच्चा सुबूत बताया था। लोकतंत्र के सजग प्रहरी करार दिया था। लेकिन दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान का नाम बदल कर अटल बिहारी वाजपेयी मैदान करने के उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कुछ सदस्यों के प्रस्ताव पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष इसके विरोध में खड़ा हो गया।
भारतीय राजनीति में रामलीला मैदान की उपज रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बीजेपी पर तंज कसा है।
रामलीला मैदान इत्यादि के नाम बदलकर अटल जी के नाम पर रखने से वोट नहीं मिलेंगे
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 25, 2018
भाजपा को प्रधान मंत्री जी का नाम बदल देना चाहिए। तब शायद कुछ वोट मिल जायें। क्योंकि अब उनके अपने नाम पर तो लोग वोट नहीं दे रहे। https://t.co/156uKuTQ7V
उन्होंने कहा है कि मैदान का नाम बदलने से वोट नहीं मिलेगा। बीजेपी अपने पीएम का नाम ही बदल दे तो शायद कुछ बात बने। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बीजेपी सदस्यों का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का रामलीला मैदान से पुराना नाता रहा था। उन्होंने रामलीला मैदान में कई सभाओं संबोधित किया था। लिहाजा मैदान का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा। लेकिन सियासत गरमाई तो दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी सामने आए और इस विवाद के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहरा दिया।
रामलीला मैदान कई राजनीतिक घटनाओं का गवाह रहा है। अरविंद केजरीवाल जब दिल्ली के पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होंने रामलीला मैदान में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। ब्रिटिश काल में रामलीला मैदान एक बड़ा तालाब था, जो अजमेरी गेट तक फैला था। बाद में मिट्टी डालकर इसे समतल किया गया। सरकारों ने अपनी सहूलियत के हिसाब से इसके कुछ हिस्सों में विकास कार्य कराया। दिल्ली की बड़ी कूलर मार्केट में शुमार कमला मार्केट भी इसका हिस्सा थी। चूंकि यहां रामलीला का आयोजन होने लगा तो इसका नाम रामलीला मैदान पड़ गया।