प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मलेशियाई समकक्ष अनवर इब्राहिम की अध्यक्षता में आसियान नेताओं के साथ शिखर बैठक से पहले कांग्रेस ने रविवार को याद दिलाया कि मलेशियाई प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह के निधन पर क्या कहा था।
कांग्रेस ने कहा कि यह उस सच्ची दोस्ती को दर्शाता है जिसका कभी प्रचार या बखान नहीं किया गया।
कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने पिछले दिसंबर में सिंह की मौत पर इब्राहिम द्वारा किये गये पोस्ट का स्क्रीनशॉट साझा किया ।
अपने पोस्ट में मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरे सम्मानित और प्रिय मित्र डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है। इन महान व्यक्ति के बारे में निश्चित रूप से ढेरों श्रद्धांजलि, निबंध और पुस्तकें लिखी जाएंगी, जिनमें उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में याद किया जाएगा।’’
इब्राहिम ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में, डॉ. मनमोहन सिंह भारत के दुनिया की एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे।
उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे इन परिवर्तनकारी नीतियों के आरंभिक वर्षों को प्रत्यक्ष रूप से देखने का दुर्लभ सौभाग्य प्राप्त हुआ, जब हम दोनों 1990 के दशक में वित्त मंत्री के रूप में कार्यरत थे। भ्रष्टाचार के विरुद्ध युद्ध के प्रति हमारी गहरी प्रतिबद्धता थी – यहां तक कि एक बड़े मामले को सुलझाने में भी हमने सहयोग किया था।’’
मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में जो प्रशंसा होगी, वह वास्तव में पूरी तरह से उचित होगी।
इब्राहिम ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह, एक राजनीतिज्ञ के रूप में थोड़े अजीब दिख सकते हैं, लेकिन एक राजनेता के रूप में निस्संदेह ईमानदार, स्थिर और दृढ़ रहे, और उन्होंने जो विरासत छोड़ी है वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।
उन्होंने लिखा था, “मेरे लिए, वह केवल इतना ही नहीं बल्कि इससे भी कहीं अधिक हैं। बहुत कम लोग इसे जानते हैं, और अब यह समय है कि मैं इसे मलेशियाई लोगों के साथ साझा करूं: मेरी जेल अवधि के दौरान, उन्होंने एक कृपा दिखाई जो उन्हें दिखानी जरूरी नहीं थी — ऐसी दया जो न तो राजनीतिक रूप से लाभकारी थी और न ही, जैसा कि कोई कल्पना कर सकता है, उस समय की मलेशियाई सरकार द्वारा सराही जाती। फिर भी, अपने चरित्र के अनुरूप, उन्होंने ऐसा किया।’’
मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने मेरे बच्चों, विशेषकर मेरे बेटे इहसान के लिए छात्रवृत्ति की पेशकश की। यद्यपि मैंने इस उदार प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था, लेकिन इस प्रकार के व्यवहार से निस्संदेह उनकी असाधारण मानवता और उदारता का पता चलता है, जो कि एक ऐसे व्यक्ति का द्योतक है, जो ‘मानवीय करुणा’ से परिपूर्ण है।’’
इब्राहिम ने कहा था, ‘‘उन अंधकारमय दिनों में, जब मैं कारावास की भूलभुलैया से गुजर रहा था, वह एक सच्चे मित्र की तरह मेरे साथ खड़े रहे। ऐसे शांत उदारतापूर्ण कार्य उन्हें परिभाषित करते थे और वह मेरे हृदय में सदैव अंकित रहेंगे। अलविदा, मेरे मित्र, मेरे भाई, मनमोहन।’’
प्रधानमंत्री मोदी आसियान शिखर सम्मेलन के लिए मलेशिया नहीं गए हैं और वह डिजिटल माध्यम से इसमें शामिल होंगे।
आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) शिखर सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर तक कुआलालंपुर में आयोजित हो रहा है।
आसियान-भारत संवाद संबंध 1992 में क्षेत्रीय साझेदारी की स्थापना के साथ शुरू हुए। यह दिसंबर 1995 में पूर्ण संवाद साझेदारी और 2002 में शिखर सम्मेलन स्तर की साझेदारी में परिवर्तित हो गया।
ये संबंध 2012 में रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुंच गये।
आसियान के 10 सदस्य देश इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमा और कंबोडिया हैं।
पिछले कुछ वर्षों में भारत और आसियान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें व्यापार और निवेश के साथ-साथ सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
यह खबर ‘भाषा’ समाचार एजेंसी से ऑटो-फीड के माध्यम से प्राप्त किया गया है। इसकी सामग्री के लिए APN News जिम्मेदार नहीं है।









