छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक राज बब्बर ने रायपुर में नक्सलियों को लेकर एक विवादित बयान दिया हैं। उन्होंने राज्य में फैले नक्सलवाद पर कहा कि वो लोग क्रांति के लिए निकले हैं, उन्हें रोका नहीं जा सकता है। राज बब्बर के इस बयान ने पार्टी नेताओं को बैकफुट पर ला दिया है तो वहीं बीजेपी को एक बार फिर कांग्रेस पर राजनीतिक फायदे के लिए नक्सलियों के साथ खड़े होने का आरोप लगाने का मौका मिल गया।
रायपुर में पत्रकारों से बातचीत में राज बब्बर ने कहा, ‘बंदूकों से फैसले नहीं होते हैं। उनके सवालों को अड्रेस करना पड़ेगा, उनको डरा कर, धमका कर या लालच देकर जो लोग क्रांति के लिए निकले हुए हैं, उन्हें रोक नहीं सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जो अभाव में होता है, जिसको अधिकार नहीं मिलता, जिनका अधिकार छीना जाता है, तो वो लोग अपना अधिकार पाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं। लेकिन वो गलत करते हैं, क्योंकि न इधर की बंदूक से हल निकलेगा और न उधर की बंदूक से हल निकलेगा। इसका हल बातचीत से निकलेगा।’
राज बब्बर ने आगे कहा कि नक्सल आंदोलन अधिकारों को लेकर शुरू हुआ है। हमें इन्हें साथ लेकर बैठना पड़ेगा और जो लोग मार्ग से भटक गए हैं, उन्हें खींचकर सही रास्ते पर लाना पड़ेगा। राज बब्बर के इस बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस पार्टी की हमेशा से माओवादियों के प्रति सहानुभूति रही है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में चुनावों से पहले नक्सली हिंसा बढ़ गई है। पिछले हफ्ते ही राज्य में दो नक्सली हमले हुए हैं, तो वहीं चुनाव में हिस्सा न लेने के लिए नक्सलियों की धमकी की खबरे भी रोजाना आ रही हैं। हाल के महीनों में सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान में भी कई बड़ी कामयाबी हासिल की है, जिसमें कई माओवादी या तो मार गिराए गए या तो उन्हें सरेंडर के लिए मजबूर होना पड़ा।