भारतीय नोट चीन में छपने की खबर से केंद्र सरकार सवालों के कटघरे में खड़ी हो गई है। चीन दावा कर रहा है कि भारतीय समेत कई देशों के नोट उनके देश में छप रहे हैं। दरअसल, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट कि एक रिपोर्ट कहती है कि भारत, नेपाल, बांग्लादेश, मलयेशिया, थाइलैंड समेत कई देशों की करंसीज चीन स्थित प्रिंटिंग प्रेसों में छापी जा रही हैं। यही वजह है कि कांग्रेस नेता शशि थरुर ने सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की।
यह रिपोर्ट बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट की वजह से चीन में अन्य देशों के नोट प्रिंटिंग के बढ़ते कारोबार और वहां की अर्थव्यवस्था पर इसके असर से संबंधित है। इसमें भारत का भी जिक्र है। हालांकि सरकार की तरफ से फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि भारतीय नोट चीन में छपते हैं या नहीं।
If true, this has disturbing national security implications. Not to mention making it easier for Pak to counterfeit. @PiyushGoyal @arunjaitley please clarify! https://t.co/POD2CcNNuL
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 12, 2018
हालांकि, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और पीयूष गोयल को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘अगर यह सच है तो इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर घातक असर हो सकता है। पाकिस्तान के लिए इसकी नकल करना और आसान हो जाएगा। पीयूष गोयल और अरुण जेटली, कृपया स्पष्ट करें।’
बहरहाल, इस रिपोर्ट की पुष्टि के लिए साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बैंक नोट प्रिंटिंग ऐंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन के प्रजिडेंट लियू गुशेंग के 1 मई के एक इंटरव्यू का हवाला दिया है। गुशेंग ने इस इंटरव्यू में बताया था कि साल 2013 से चीन में विदेशी नोटों की छपाई का काम शुरू हुआ और अब यहां की प्रिटिंग प्रेसों में भारत, नेपाल, बांग्लादेश, श्री लंका, मलयेशिया, थाइलैंड, ब्राजील, पोलैंड समेत कई देशों के नोट छापे जाते हैं।
Reports about any Chinese currency printing corporation getting any orders for printing Indian currency notes are totally baseless. Indian currency notes are being and will be printed only in Indian Government and RBI currency presses.
— Subhash Chandra Garg (@SecretaryDEA) August 13, 2018
वहीं सरकार ने भारतीय करेंसी नोटों के चीन में छापे जाने को लेकर हुए करार की खबरों को पूरी तरह से निराधार बताया है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने अपने ट्विटर हेंडल पर लिखा है कि वह सभी रिपोर्ट्स निराधार हैं जिनमें कहा गया है कि चायनीज करेंसी प्रिंटिंग कार्पोरेशन को भारतीय करेंसी छापने का कोई ऑर्डर दिया गया है। उन्होंने लिखा है कि भारतीय करेंसी नोट भारत सरकार और रिजर्व बैंक (RBI) की प्रिंटिंग प्रेसों में छपते आए हैं और आगे भी छपते रहेंगे।