चीन के साथ तनाव के बीच भारत और जापान की नौसेनाओं ने.. हिंद महासागर में युद्धाभ्यास किया.. इस युद्धाभ्यास में भारत की ओर से INS राणा और INS कुलिश और जापान की तरफ से JS शिमायुकी, JS कासिमा और जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल (JMSDF) की ट्रेनिंग स्क्वाड्रन ने हिस्सा लिया.. इस मौके पर अपने ट्वीट में JMSDF ने लिखा..
27 JUN, JS KASHIMA (TV 3508) and JS SHIMAYUKI (TV 3513), the JMSDF Training Squadron, conducted an exercise with INS RANA and INS KULISH, Indian Navy at the Indian Ocean. JMSDF promoted mutual understanding with Indian Navy through this exercise. pic.twitter.com/obiXOSVULH
— Japan Maritime Self-Defense Force (@jmsdf_pao_eng) June 28, 2020
इस युद्धाभ्यास का लक्ष्य दोनों देशों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देना था। वैसे तो भारत और जापान साथ में नौसैनिक अभ्यास करते रहते हैं.. लेकिन चीन के साथ दोनों देशों के मौजूदा तनाव को देखते हुए इस युद्धाभ्यास को अहम माना जा रहा है..
उधर, भारत के अन्य मित्र देश भी चीन के खिलाफ साथ खड़े नजर आ रहे हैं.. इजरायल ने भारत को करगिल युद्ध के दौरान भी हथियारों की जल्दी मदद उपलब्ध कराई थी.. चीन के साथ तनाव को देखते हुए इजरायल इस बार भी भारत को डिफेंस सिस्टम देने को तैयार है जिसे लद्दाख में तैनात किया जाएगा.. खबरों के अनुसार, इजरायल से बराक-8 मिसाइल डिफेंस सिस्टम जल्द ही भारत आएंगे.. उधर, भारत का पुराना मित्र रूस भी जल्द ही मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 मुहैया कराएगा.. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मास्को दौरे के दौरान.. रूस जल्द ही इस सिस्टम को उपलब्ध कराने पर सहमत हो गया है.. इसके अलावा, 33 सुखोई-30 MKI और मिग-29 लड़ाकू विमान भी भारत को मिलने हैं..
भारत का नया रणनीतिक साझेदार अमेरिका भी हर मोर्चे पर मदद देने को तैयार है.. अमेरिका फिलहाल खुफिया से लेकर सैटेलाइट इमेज भारत को मुहैया करा रहा है.. सैटेलाइट इमेज के जरिए लद्दाख सीमा पर चीन की सारी हरकत दुनिया के सामने आ रही है.. यही नहीं अमेरिका ने भारत को सभी प्रकार की मदद का आश्वासन भी दिया है.. चीन से तनाव को देखते हुए अमेरिका ने एशिया में चीन के पास मौजूद अपने अहम सैन्य अड्डों पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाने का फैसला किया है..
भारत चीन की तैयारियों को देखते हुए सधी हुई कूटनीति का सहारा ले रहा है।#इजरायल से भारत को कई ऐसे मारक हथियार मिलने वाले है जिसका जवाब चीन के पास नहीं होगा। रूस ने भी #S400 की जल्द देने को कहा है।
जबकि #फ्रांस से पहला राफेल #27जुलाई को भारत आएगा।#indochina #BycottChina pic.twitter.com/0ojz9PUr2R
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) June 29, 2020
इन सबके बीच, फ्रांस के साथ हुए खरीद समझौते के तहत भारत को 36 राफेल जेट मिलने वाले हैं.. पहला राफेल 27 जुलाई को भारत को मिल जाएगा.. योजना के मुताबिक पहले 4 राफेल लड़ाकू विमान अंबाला आने वाले थे.. लेकिन फ्रांस अब कुछ ज्यादा संख्या में लड़ाकू विमान भेजेगा.. खबरों के अनुसार, जल्द ही आठ राफेल फाइटर जेट भारतीय वायुसेना का हिस्सा बनने वाले हैं.. राफेल विमान को आसमान को अजेय योद्धा माना जाता है.. ये हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने में अचूक है।