
छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में कई बड़े नक्सली हमलों के लिए जिम्मेदार एक करोड़ रुपये के इनामी टॉप कमांडर माड़वी हिडमा को सुरक्षाबलों ने एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया। हिडमा के साथ उसकी पत्नी समेत कुल 6 कुख्यात नक्सली मार गिराए गए। सुरक्षाबलों को खुफिया सूचना मिली थी कि हिडमा अपने दस्ते के साथ जंगल में छिपा हुआ है। इसी आधार पर ग्रेहाउंड्स और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जैसे ही जवान मरेडपल्ली के घने जंगलों में आगे बढ़े, नक्सलियों ने अचानक गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। जवाबी कार्रवाई में हिडमा ढेर हो गया।
कौन था एक करोड़ का इनामी माड़वी हिडमा?
हिडमा नक्सली संगठन की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PGLA) बटालियन-1 की कमान संभालता था। छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के घने जंगल उसके प्रमुख ठिकाने थे, जहां से वह सुरक्षा बलों पर हमले करता था।
उसे कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- 2013 का झीरम घाटी हमला
- 2021 का बीजापुर हमला
- 2017 का बुर्कापाल हमला, जिसमें CRPF के 24 जवान शहीद हुए
- 2010 का ताड़मेटला हमला, जिसमें 76 जवानों की हत्या हुई
- रावुला श्रीनिवास रमन्ना की 2019 में मौत के बाद हिडमा को नक्सलियों के सबसे ताकतवर कमांडरों में शामिल कर दिया गया था।
करीब तीन दशक से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय
- माड़वी हिडमा का जन्म दक्षिण सुकमा के पुवार्ती गांव में हुआ था। वर्ष 1996 में वह नक्सली संगठन से जुड़ा। 16 साल की उम्र में ही नक्सलियों की राज्य कमेटी ने उसे अपने दस्ते में शामिल कर लिया था।
- वह दुबला-पतला जरूर था, लेकिन बेहद फुर्तीला और तेजी से सीखने वाला माना जाता था। ट्रेनिंग के बाद उसकी पहली तैनाती महाराष्ट्र के गढ़चिरौली क्षेत्र में हुई।2010 के ताड़मेटला हमले के बाद उसे संगठन में अधिक ताकत और जिम्मेदारी मिली। झीरम घाटी हमले की रणनीति भी उसी ने तैयार की थी। 29 साल के लंबे नक्सली करियर में हिडमा देश के सबसे खतरनाक और वांछित नक्सली नेताओं में गिना जाने लगा था।








