उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना अब बीमा के आधार पर लागू न होकर एश्योरेंस मॉडल यानी सरकार ट्रस्ट के जरिए लागू करेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग की सार्वजनिक उद्यम कंपनी साचीज को चुना गया है। इसमें पांच लाख रुपये तक का कैश लेस इलाज किया जाएगा। यह फैसला मंगलवार को कैबिनेट बैठक में किया गया। इस फैसले से प्रदेश के 6 करोड़ लोगों को कैशलेश इलाज का लाभ मिल सकेगा।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि यह फैसला गुजरात और आध्र प्रदेश में लागू मॉडल के अध्ययन के बाद किया गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में अब इसी मॉडल पर आयुष्मान भारत योजना लागू की जाएगी।
बता दें कि नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन के तहत इस योजना को पहले इंश्योरेंस कंपनियों को प्रीमियम देकर लागू करने का फैसला किया गया था लेकिन अस्पतालों ने बीमा कंपनियों से क्लेम मिलने में होने वाली परेशानियों के बारे में बताया तो सरकार ने इसे अपनी कंपनी से संचालित करने का फैसला किया। पूरी तैयारी के बाद यह योजना पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जंयती 25 सितम्बर से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में लागू हो जाएगी।
प्रदेश में इस योजना का लाभ गंभीर बीमारियों से ग्रस्त छह करोड़ लोगों को पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। यह योजना 1.18 करोड़ गरीब परिवारों तक पहुंचेगी। सरकार बीमारी में खर्च होने वाले रकम में से पांच लाख रुपये खुद वहन करेगी। यह रकम सरकार सीधे इलाज करने वाले सरकारी व अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को पहुंचा देगी।
केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की इसमें 60:40 की भागेदारी होगी। इस तरह प्रदेश में इस योजना में खर्च होने वाले एक हजार करोड़ में से 660 करोड़ केन्द्र और 440 करोड़ प्रदेश सरकार वहन करेगी। प्रशासनिक खर्च के लिए 59 करोड़ रुपये भी मंजूर किए गए हैं। राज्य सरकार की संस्था साचीज स्टेट हेल्थ एजेन्सी के रूप में काम करेगी। इस योजना की निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गवर्निंग काउंसिल करेगी। जिसमें प्रमुख सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य के अलावा डीजी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और डीजी चिकित्सा शिक्षा सहित 13 सदस्य होंगे।