दिल्ली की सत्ता में दो साल पहले 70 में से 67 सीटें जीत कर काबिज हुई आम आदमी पार्टी की लहर अब ख़त्म हो चुकी है। कम से कम आज सुबह से दिल्ली नगर निगम चुनाव के आ रहे रुझान तो यही कह रहे हैं। इन रुझानों में बीजेपी पूर्ण बहुमत से दिल्ली की तीनों नगर निगम पर कब्ज़ा करती दिख रही है। जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर चल रही है।
नगर निगम चुनाव के लिए वोट पिछले रविवार को डाले गए थे। जिसके नतीजे आज सुबह से जारी मतगणना के बाद धीरे धीरे सामने आ रहे हैं। लेकिन जो रुझान आये हैं वह आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लिए शुभ संकेत कतई नहीं कहे जा सकते। इन नतीजों के आने के बाद सभी पार्टी के नेताओं ने अलग अलग प्रतिक्रिया दी है।
नगर निगम चुनावों में हैट्रिक लगाने की तरफ बढ़ चुकी बीजेपी इस जीत पर कोई जश्न नहीं मनाएगी। यह जीत बीजेपी ने सुकमा नाक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को समर्पित की है। दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने इसे जनता की जीत बताते हुए नमन किया और कहा कि अब केजरीवाल को इस्तीफा दे देना चाहिए। इसके अलावा हर्षवर्धन,रवि किशन जैसे बीजेपी नेताओं ने भी इस जीत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
आम आदमी पार्टी की तरफ से आई प्रतिक्रिया में कुल मिलकर ईवीएम को दोष देने का काम किया गया है। इन नतीजों पर बोलते हुए आप सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह मोदी लहर नहीं ईवीएम लहर है। इसके अलावा अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने भी हार के लिए ईवीएम को ही जिम्मेदार ठहराया है। वहीँ आप के संगरूर से सांसद भगवंत मान ने कहा कि ईवीएम को दोष देना छोड़कर नए सिरे से विचार की जरुरत है।
कांग्रेस की तरफ से आई प्रतिक्रिया में हार जीत पर चर्चा के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। इसी क्रम में शीला दीक्षित ने कहा कि मुझे चुनावों के दौरान प्रचार के लिए नहीं कहा गया इसलिए मैंने प्रचार नहीं किया। कुल मिलाकर अगर देखें तो शीला का यह बयान कांग्रेस के अन्दर सब कुछ ठीक ठाक नहीं होने का संकेत दे रहा है।
गौरतलब है कि चुनाव से पहले सभी दलों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किये थे लेकिन अंततः जीत की तरफ बीजेपी बढती दिख रही है। बीजेपी की इस जीत में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर भरोसा के साथ केजरीवाल के प्रति लोगों का गुस्सा और कांग्रेस से उठ चुका विश्वास भी दिखता है।
अब तक आये रुझानों के अनुसार कुल 269 सीटों में से बीजेपी को 182, कांग्रेस को 29, आप को 45, अन्य को 13 सीटें पर बढ़त हासिल है। आपको बता दें कि 272 सीटों के हिसाब से दो तिहाई बहुमत के लिए 181 सीटें चाहिए। जबकि तीन चौथाई बहुमत के लिए 204 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी।