एक तरफ जहां आधार को लेकर देश में विरोधाभास है तो वहीं माइक्रोसॉफ्ट के मालिक बिल गेट्स इससे काफी प्रभावित हैं। गेट्स इससे इतना ज्यादा प्रभावित हैं कि उन्होंने इसे विश्वभर में लागू करने का सोचा है। इसके लिए वो विश्वबैंक को चंदा भी दे रहे हैं। आधार टेक्नॉलजी में गोपनीयता की समस्या को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि बिल और मेलिन्डा गेट्स फाउंडेशन ने इसे दूसरे देशों में ले जाने को लेकर विश्वबैंक को फाइनैंस उपलब्ध कराया है क्योंकि यह एक बेहतर चीज है। गेट्स ने कहा कि इन्फोसिस के संस्थापक नंदन निलेकणि इस परियोजना पर विश्वबैंक को परामर्श और मदद कर रहे हैं। निलेकणि को आधार का ढांचा तैयार करने के लिये जाना जाता है। विश्व बैंक ने बिल गेट्स के इस प्रयास का स्वागत किया है।
बिल गेट्स ने आधार के बारे में कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की प्राइवेसी लीक होने का खतरा नहीं है। बिल गेट्स के बताया, इन्फोसिस के फाउंडर नंदन नीलेकणि आधार कार्ड के चीफ आर्किटेक्ट हैं, वे इस प्रोजेक्ट में विश्व बैंक की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में 100 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास आधार है। यह दुनिया का सबसे बड़ा बायोमेट्रिक सिस्टम है। गेट्स के मुताबिक, अन्य देशों को भी यह तकनीक अपनानी चाहिए।
गेट्स ने आधार की विशेषता बताते हुए कहा कि आधार में गोपनीयता को लेकर कोई समस्या नहीं है क्योंकि यह केवल बायोमेट्रिक पहचान सत्यापन योजना है।” आधार 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है जो व्यक्ति की जैविक पहचान पर आधारित है।