बिहार की राजनीति में धमाकेदार एंट्री लेने वाली पुष्पमप्रिया चौधरी ने खुद को बिहार की मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया था। पुष्पम बिहार के दो विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं। इसमें पटना की बांकीपुर और मधुबनी की बिस्फी सीट शामिल है।
असमंज की बात है, खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताने वाली महिला दो सीटों पर पीछे चल रही है। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे लव सिन्हा बांकीपुर से पुष्पमप्रिया को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
हालांकि ये भी पीछे ही चल रहे हैं। बांकीपुर से बीजेपी नेता नवीन त्यागी आगे चल रहे हैं। वही बिस्फी से आरजेडी से फैयाज अहमद और बीजेपी से हरिभूषण ठाकुर कैंडिडेट हैं। चौधरी यहां पर भी पीछे ही चल रही हैं।
2015 के विधानसभा चुनाव में यहां से आरजेडी के फैयाज अहमद लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए थे और हैट्रिक के मकसद से किस्मत आजमा रहे हैं। पुष्पम प्रिया के उतरने से इस बार यह सीट काफी हाईप्रोफाइल मानी जा रही हैं।
नितिन नवीन के पिता नवीन किशोर सिन्हा भी यहां से कई बार विधायक रह चुके हैं। ऐसे ही पुष्पम प्रिया भी जेडीयू के पूर्व एमएलसी विनोद चौधरी की बेटी है। इस तरह से बांकीपुर सीट पर तीनों नेता अपने-अपने पिता की सियासी विरासत को बचाए रखने की चुनौती है।
हालांकि, द प्लूरल्स पार्टी की मुखिया पुष्पम प्रिया ने बांकीपुर सीट पर नीतीश कुमार से लेकर तेजस्वी यादव सहित तमाम मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को बांकीपुर सीट से चुनाव लड़ने के आग्रह करते हुए चुनौती थी।
बिहार विधानसभा चुनाव में पुष्पम प्रिया चौधरी पर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर की नजर है। मूल रूप से दरभंगा की रहने वाली पुष्पम ने लंदन के मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है।
लंदन रिटर्न पुष्पम को बिहार राजनीति में अकेले चुनावी मैदान में उतरी थी। हालांकि, एक समय में उनके पिता जेडीयू में थे, लेकिन इस चुनाव में पुष्पम ने अलग ही पार्टी बनाकर मैदान में उतरीं।
बता दें कि बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी थी। बिहार की राजनीति में महिलाओं का बोल-बाला कम रहा है। ऐसे में पुष्पम इस तरह से खुद की पार्टी बनाने वाली पहली महिला बन गई हैं जो कई बड़े नेताओं के सामने खड़ी हैं।