बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया गुरूवार से शुरू हो गई है। चुनाव 28 अक्टूबर को होने वाला है। और नतीजे 10 नवंबर को घोषित होंगे। पहले चरण के 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों के लिए 1 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक कैंडिडेट अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे जबकि 12 अक्टूबर को नाम वापस लेने की तारीख तय है। चुनाव के बाद जल्द ही फैसला हो जाएगा कि बिहार की गद्दी पर कौन होग विराजमान।
28 नवंबर,16 जिले
16 जिलों की विधानसभा सीटों पर 28 नवंबर को वोटिंग होगी। इनमें भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, पटना, भोजपुर, बक्सर, सासाराम, कैमूर, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई जिले की विधानसभा सीटें शामिल हैं।
पहला चरण 71 सीटें
बिहार चुनाव के पहले चरण की विधानसभा सीटें है, जिनमें कहलगांव, सुल्तानगंज, अमरपुर, धोरैया (एससी), बांका, कटोरिया (एसटी), बेलहर, तारापुर, मुंगेर, जमालपुर, सूर्यगढ़, लखीसराय, शेखपुरा, बारबीघा, मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी (एससी), पालीगंज, बिक्रम, संदेश, बराहरा, आरा, अगियांव (एससी), तरारी, जगदीशपुर, शाहपुर, ब्रह्मपुर, बक्सर, दुमरांव, रायपुर (एससी), मोहनिया (एससी), भाबुआ, चैनपुर, चेनारी (एससी), सासाराम, करगहर, दिनारा, नोखा, देहरी, कराकट, अरवल, कुर्था, जेहानाबाद, घोसी, मखदूमपुर (एससी), गोह, ओबरा, नबी नगर, कुटुम्बा (एससी), औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, शेरघाटी, इमामगंज, (एससी), बाराचट्टी (एससी), बोध गया (एससी), गया टाउन, टीकरी, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज, राजौली (एससी), हिसुआ, नवादा, गोबिंदपुर, वरसालीगंज, सिकंदरा (एससी), जमुई, झाझा, चकाई सीटें शामिल हैं।
आरजेड़ी की 25 सीटें

पहले 71 सीटों पर आरजेडी की मजबूत पकड़ है। पहले चरण के 16 जिलों को आरजेडी का गढ़ कहा जाता है। पहले चरण की 71 सीटों में से 25 सीटों पर आरजेडी का कब्जा है और जेडीयू की पकड़ 21 सीटों पर है। वहीं बीजेपी को यहां पर 14 सीटें मिला थी और कांग्रेस को सिर्फ 8 सीटें। इसके अलावा जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को एक, सीपीआई को एक और एक सीट पर निर्दलीय को जीत मिली थी। एलजेपी को खाली हाथ लौटना पड़ा। 2015 में लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार के साथ मिलकर यहां से एनडीए का सफाया कर दिया था।
एनडीए है मजबूत

पर हवा का रूख बदल गया है। इस बार नीतीश कुमार आरजेडी का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ है। इस लिहाज से एनडीए अपना जलवा बिखेर सकती है। आरजेडी का 33 सीटों पर कब्जा है। पहले चरण में तेजस्वी यादव के सामने अपनी सीटों को बचाए रखने की बड़ी चुनौती होगी।
7 मंत्री, पास या फेल
पहले चरण में ही नीतीश के 7 मंत्रियों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। इसमें 4 जेडीयू से हैं तो 3 बीजेपी के मंत्री हैं। जेडीयू कोटे से मंत्रियों में जमालपुर से जीते शैलेश कुमार, घोसी से जीते कृष्णनंदन वर्मा, राजपुर से जीते संतोष कुमार निराला और दिनारा से जीते जय कुमार सिंह शामिल हैं. वहीं, बीजेपी कोटे वाले मंत्रियों में बांका से राम नारायण मंडल, चैनपुर से बृज किशोर बिन्द, और गया से जीते प्रेम कुमार शामिल हैं। गुप्तेश्वर पांडे और जीतनराम मांझी के भाग्य का फैसला भी पहले चरण में हो जाएगा।
सबसे ज्यादा यादव MLA
पहले फेज की 71 में से 22 सीटों पर यादव समुदाय के विधायकों का कब्जा है. 2015 के चुनाव में यहां पर सबसे ज्यादा यादव समुदाय के विधायक जीतने में सफल रहे थे. इन 71 सीटों में से 22 यादव जीते हैं जबकि राजपूत, भूमिहार और कुशवाहा समुदाय के सात-सात विधायक जीते थे. वहीं, तीन सीटों पर कुर्मी समुदाय के विधायक का कब्जा है जबकि 13 सुरक्षित सीटों पर एससी-एसटी समुदाय के विधायक जीते हैं.