देश में नोटबंदी और जीएसटी के लागू किये जाने के बाद भी मंहगाई में कोई कमी नहीं आई है। ऐसे में महंगाई की मार ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है। जीएसटी की उच्च दरें आम आदमी की जेब पर लगातार डाका डाल रही हैं। जिसके परिणामस्वरूप जनता का दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक हम जिन भी वस्तुओं और सुविधाओं का उपयोग करते हैं उसके लिए टैक्स अदा करना पड़ता है। लेकिन जीएसटी लागू किये जाने के बाद से ही बढ़ती महंगाई ने आम जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या खाएं क्या नहीं? किस सुविधा का इस्तेमाल करें और किसका नहीं?
जनता को इन मूलभूत समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए ही केंद्र सरकार एक ऑटोमैटिक सिस्टम लागू करने की योजना बना रही है। इस व्यवस्था के जरिए न सिर्फ महंगाई पर लगाम कसा जा सकेगा, बल्कि सब्जियों और दालों के बेतहाशा बढ़ रहे दामों पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस व्यवस्था के जरिए सब्जियों और अन्य उपयोगी वस्तुओं के आसमान छूते दामों को आम जनता के बजट के अनुरूप किया जा सकेगा।
क्या है ऑटोमैटिक सिस्टम-
“खाना इंसान की मूलभूत जरूरत है” लेकिन पिछले कुछ महीनों से प्याज, टमाटर समेत अन्य सब्जियों और दालों के दाम में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी ने आम आदमी की थाली को पौष्टिक आहार से वंचित कर दिया था। लेकिन अब जनता की जरूरतों और बजट को ध्यान में रखते हुए अब मोदी सरकार महंगाई को एक ऑटोमैटिक सिस्टम से काबू करने का प्रयास करेगी।
ऐसे काम करेगा ऑटोमैटिक सिस्टम-
सामान्य मानक प्रक्रिया में महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मूल मानक माना जाएगा। इस स्थिति में यदि किसी वस्तु के दाम एमएसपी से 50 फीसदी ज्यादा बढ़ जाते हैं, तो वैसे ही उस पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इस पर नियंत्रण करने के लिए सरकार एसओपी के जरिये फौरन उस उत्पाद के निर्यात पर रोक लगा देगी।
इस सिस्टम के जरिये सरकार फल और सब्जियों के दामों में बढ़ोत्तरी होने से पहले ही उनके दाम पर काबू कर लेगी। जिससे महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेंगी। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सरकार किसान और उपभोक्ताओं के हितों के बीच समन्वय बनाएगी। जिससे किसी के भी अधिकारों का हनन न हो।
मंजूरी के बाद किया जाएगा लागू-
इस नई व्यवस्था का प्रस्ताव अभी प्रधानमंत्री कार्यालय के पास है। यहां से पास होने के बाद इसे संबंधित मंत्रालयों में इसे भेजा जाएगा। सभी मंत्रालयों से मंजूरी मिलने के बाद ही इस योजना को लागू किया जाएगा।
महंगाई कम होने की उम्मीद जागी-
ऐसे कयास लगाये जा रहे है कि ये नयी व्यवस्था महंगाई पर लगाम कसने में कारगर साबित हो सकती है। लेकिन इसका प्रभाव देखने के लिए जनता को अभी काफी इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि अभी ये प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय में है उसके बाद अलग-अलग मंत्रालयों से गुजर कर तब आम जनता के बीच आएगा।