उत्तराखंड में बहुचर्चित एनएच-74 भूमि घोटाले में एक नया मोड़ आ चुका है। उत्तराखंड में एनएच घोटाले मामले को लेकर सरकारी स्तर पर बड़ी कार्रवाई की गई है। आरोपों के घेरे में आए 2 आईएएस अधिकारी पंकज पांडे और चंद्रेश यादव को निलंबित कर दिया गया है। घोटाले में नाम आने के बाद इन दोनों के खिलाफ एसआईटी जांच चल रही है। जिसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों ही बड़े अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।
बता दें कि इस मामले में अब तक दर्शन भर ज्यादा अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है लेकिन आईएएस अधिकारियों पर यह बड़ी कार्रवाई पहली बार की गई है। इस बारे में जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से पूछा गया उन्होंने साफ लफ्जों में कहा कि करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सरकार चलती रहेगी। वह खुद एनएच 74 घोटाले की जांच पूरी रफ्तार में चलाने के पक्षधर हैं।
सीएम के बयान के बाद साफ है कि एनएच 74 के घोटाले में शामिल किसी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कितना भी बड़ा रसूखदार क्यों न हो। वहीं घोटाले की जांच पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस का सरकार पर आरोप है कि जिस एसआईटी जांच को यह सरकार अपना बता रही है वह एसआईटी जांच पहले ही कांग्रेस सरकार के दौरान बैठाई जा चुकी थी। कांग्रेस की दलील है कि, एसआईटी जांच के बहाने त्रिवेंद्र सरकार जांच को प्रभावित कर रही है। कांग्रेस की मांग है कि घोटाले की निष्पक्ष जांच सीबीआई से ही करानी चाहिए। क्योंकि इसमें कई अधिकारियों के साथ साथ सफेदपोशों के शामिल होने की संभावना है।
साफ है कि उत्तराखंड के एनएच 74 घोटाला मामले की वर्तमान जांच सियासत का मैदान बन गया है। सत्ता में रहते एसआईटी जांच के गठन का दावा करने वाली कांग्रेस अब बीजेपी की एसआईटी से जांच कराने पर पक्षपात के आरोप मढ़ते नहीं थक रही है। वहीं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत किसी को नहीं बख्शने का दावा करते नहीं अघाते।जबकि, सच तो ये है कि बड़े अधिकारी अभी जांच की जद से दूर ही हैं।इस मामले में सुविधा की सियासत को समझना होगा।
बीते वर्ष मार्च में तत्कालीन कमिश्नर डी. सेंथिल पांडियन ने एनएच-74 के चौड़ीकरण में हुए अरबों के मुआवजा घोटाले का खुलासा किया था।उन्होंने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में घपले से जुड़े तमाम तथ्य सामने लाते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश भी की थी।इसी दौरान मुख्यमंत्री बने त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करते हुए मामले की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश भी कर दी थी।
वहीं इस पूरे घटनाक्रम में बड़ा ट्विस्ट तब आया जब सप्ताह भर बाद ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर अरबों के एनएच 74 घोटाला मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश रद्द करने को कहा।खबर तो ये भी है कि, ऐसा न करने पर उन्होंने उत्तराखंड में चल रहे एनएच प्रोजेक्ट के प्रभावित होने तक की बात तक कह डाली थी।
ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन