रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के सैकड़ों करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन के कारण भारतीय रिजर्व बैंक को विजय शेखर शर्मा द्वारा संचालित इकाइयों पर शिकंजा कसना पड़ा। रिजर्व बैंक की तरफ से कस्टमर केवाईसी उल्लंघन से जुड़े लाखों मामले पाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के पास लाखों गैर-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालन वाले खाते थे और हजारों मामलों में कई खाते खोलने के लिए एक ही पैन का उपयोग किया गया था। इन मामलों के सामने आने के बाद RBI की मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
RBI की जांच में ऐसे कई मामले पाए गए जिनमें बड़ी संख्या में ग्राहकों का KYC और PAN वेरिफिकेशन नहीं किया गया। कुछ मामलों में 100 से ज्यादा ग्राहकों को एक ही PAN से लिंक किया गया और कुछ ऐसे भी मामले सामने आए जिनमें 1000 से ज्यादा कस्टमर को एक PAN से लिंक कर दिया गया। सूत्रों ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं- जहां लेनदेन का कुल मूल्य करोड़ों रुपये में है और जिससे धन शोधन की चिंताएं बढ़ रही हैं।
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने रॉयटर्स को बताया कि अगर अवैध गतिविधि का कोई सबूत मिला तो प्रवर्तन निदेशालय पेटीएम पेमेंट्स बैंक की जांच करेगा। आपको बता दें आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी, 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का निर्देश दिया था। आरबीआई ने एक बयान में जानकारी देते हुए कहा था कि यह कदम व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद उठाया गया है।
आरबीआई ने इसके पहले 11 मार्च, 2022 को पीपीबीएल को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था। आरबीआई ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों को बचत बैंक खाते, चालू खाते, प्रीपेड माध्यम, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सहित अपने खातों से शेष राशि की निकासी या उपयोग की अनुमति किसी प्रतिबंध के बगैर दी जाएगी।
आरबीआई की तरफ से जारी किये गए आदेश में यह नहीं बताया गया था कि बैंक पर किस कारण कार्रवाई की गई है। जानकारी मिली है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने आरबीआई की लाइसेंसिंग से जुड़ी शर्तों का भी पालन नहीं किया। आरबीआई को फाइनेंशियल और नॉन- फाइनेंशियल कारोबार का पेरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन (One97 Communication) के साथ जुड़े होने का शक था। एक विश्लेषक के मुताबिक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से लगभग 31 करोड़ निष्क्रिय हैं, जबकि केवल लगभग चार करोड़ ही बिना किसी शेष राशि या बहुत कम शेष के साथ सक्रिय होंगे।
सूत्रों ने कहा कि बैंक द्वारा प्रस्तुत अनुपालन कई मौकों पर अधूरा और गलत पाया गया। आरबीआई के निर्देश के बाद वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (पेटीएम ब्रांड का मालिक है) के शेयरों में पिछले दो दिनों में 40 फीसदी की गिरावट आई है। सूत्रों ने यह भी कहा कि असामान्य रूप से बड़ी संख्या में निष्क्रिय खातों का उपयोग फर्जी खातों के लिए में किए जाने की आशंका है। ऐसे में केवाईसी में बड़ी अनियमितताएं हुईं है जिससे ग्राहकों, जमाकर्ताओं और वॉलेट धारकों को गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ा।