भारतीय वायुसेना के सबसे खतरनाक लड़ाकू विमानों में से एक सुखोई-30 आज रूटीन अभ्यास के दौरान राजस्थान के बाड़मेर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जानकारी के मुताबिक दोनों पायलट समय रहते ही विमान से निकलकर अपनी जान बचाई। यह दुर्घटना बाड़मेर के शिवकर गांव के निकट हुई। इस घटना की वजह से एक ही परिवार के 3 लोग घायल हो गए। इसमें धुरा राम, उनकी पत्नी और नाती शामिल हैं। उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद लड़ाकू विमान के परखच्चे उड़ गए, लेकिन विमान में सवार दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल गए। इस हादसे की जांच के लिए वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए हैं।
भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही लड़ाकू विमानों की काफी कमी है ऐसे में अंग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमाम को दुर्घटनाग्रस्त में गंवा देना वाकई गंभीर चिंता की बात है। वायुसेना के पास करीब 200 सुखोई लड़ाकू विमान है। ये विमान रूस से खरीदा गया था, 1997 में पहली बार वायुसेना में सुखोई लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ और 2002 के बाद ट्रांसफर ऑफ तकनीक के जरिए ये विमान देश में ही हिन्दुस्तान ऐरोनेटिक्स लिमिटेड बेंगलुरु में बनने लगा। ये सातवां सुखोई लड़ाकू विमान है जो दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
आपको बता दें कि आज सुबह वायुसेना का एक और विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इलाहबाद के बमरौली इलाके में बुधवार को एक हेलिकॉप्टर के क्रैश हो गया। वायु सेना का हेलिकॉप्टर चेतक ट्रेनिंग के दौरान इस इलाके से गुजर रहा था। वहीं समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक हेलिकॉप्टर क्रैश की वजह कोई तकनीकि गड़बड़ी बताई जा रही है। हालांकि इस क्रैश में कोई घायल नहीं हुआ है। दोनों ही पायलेट सुरक्षित बच निकले हैं। वहीं इस मामले की जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक तकनीकि खराबी के बाद पायलटों ने हेलिकॉप्टर को लैंड कराने की कोशिश की लेकिन लैंडिंग के दौरान हेलिकॉप्ट काबू से बाहर होकर क्रैश हो गया।