25 साल पहले यूपी के अयोध्या से शुरू हुआ बाबरी विध्वंस विवाद आज तक सुलझ नहीं पाया है। काफी लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद ने तब नया मोड़ ले लिया जब पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत अन्य नेताओं पर षडयंत्र के आरोपों के तहत मुकदमा चलेगा और रायबरेली से मामले को लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया, जहां इसी से जुड़ा एक अन्य मामला चल रहा है। कोर्ट के इस फैसले से बाबरी कांड एक बार फिर सुर्खियों में आ गया।
अब सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में आज यानि गुरुवार को सुनवाई करते हुए लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत तमाम षडयंत्र आरोपियों को 30 मई को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। सीबीआई की विशेष अदालत ने बीजेपी के इन तमाम नेताओं को समन जारी किया है। साथ ही महंत नृत्य गोपाल दास, रामविलास वेदांती और सतीश प्रधान समेत 5 नेताओं पर आरोप तय किए गए। सीबीआई ने जांच के बाद 49 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किए थे।
आपको बता दें कि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी रितंभरा और विष्णु हरि डालमिया के खिलाफ 26 मई को आरोप तय करेगी। यह आरोप 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे को ध्वस्त किए जाने में षड्यंत्र करने को लेकर तय किए जाएंगे।
गौरतलब है कि विशेष अदालत ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले की रोजाना सुनवाई 20 मई से शुरू की और पांच विहिप नेताओं को जमानत दे दी। सीबीआई कोर्ट ने पूर्व सांसद राम विलास वेदांती के साथ चंपत राय, बैकुंठ लाल शर्मा, महंत नृत्य गोपाल दास और धर्मदास महाराज को जमानत दे दी थी। इस मामले के छठे आरोपी सतीश प्रधान शनिवार को अदालत में नहीं पेश हो सके थे लिहाजा उन्हें बुधवार को जमानत दी गई थी।