दिल्ली के एक आश्रम में लंबे समय से चल रहे कथित गंदे खेल का पर्दाफाश हो गया है। बाबा चैतन्यानंद पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस लगातार उनके अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर इस खेल का खुलासा कैसे हुआ और किस तरह चैतन्यानंद का खौफ एक झटके में ढह गया। आइए जानते हैं पूरा मामला।
एक चिट्ठी और एक ईमेल ने किया खुलासा
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चैतन्यानंद की करतूतों का पर्दाफाश एक पूर्व छात्रा और भारतीय वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन की शिकायत से हुआ। एफआईआर में दर्ज विवरण के अनुसार, दक्षिण दिल्ली के एक संस्थान से पढ़ाई पूरी कर चुकी छात्रा ने 28 जुलाई को प्रशासन को पत्र भेजा था, जो 31 जुलाई को विश्वविद्यालय को मिला। इसमें आरोप लगाया गया था कि बाबा चैतन्यानंद छात्राओं से छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न करते हैं।
इसके तुरंत बाद, 1 अगस्त को वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन ने ईमेल कर प्रशासन को सतर्क किया। उनका कहना था कि उन्हें भी कई छात्राओं से इसी तरह की शिकायतें मिली हैं। आरोप था कि बाबा देर रात लड़कियों को अशोभनीय मैसेज भेजते और मनमानी करते हैं। कई पीड़िताओं के घरवाले वायुसेना से जुड़े होने के कारण मामले की गंभीरता और बढ़ गई। इसके बाद, 3 अगस्त को गवर्निंग काउंसिल ने 30 से ज्यादा छात्राओं से वर्चुअल मीटिंग के जरिए बात की।
एफआईआर में दर्ज गंभीर आरोप
पुलिस की अब तक की जांच में 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर छात्राएं गरीब परिवारों या फौजी पृष्ठभूमि से आती हैं। आर्थिक और सामाजिक मजबूरियों की वजह से वे चुप रहीं। आरोप है कि बाबा और उनके सहयोगियों ने छात्राओं के सर्टिफिकेट जब्त कर लिए, ताकि वे पढ़ाई और करियर छोड़ने पर मजबूर हो जाएं।
एक 21 वर्षीय छात्रा ने बयान दिया कि स्कॉलरशिप पर पढ़ाई करते समय बाबा ने पहली ही मुलाकात में उसे गलत नजर से देखा। जब उसने मेडिकल रिपोर्ट उन्हें दिखाई, तो इसके बाद बाबा देर रात “बेबी, आई लव यू, आज बहुत खूबसूरत लग रही हो” जैसे मैसेज भेजने लगे। जवाब न देने पर पुराने मैसेज टैग कर रिप्लाई करने के लिए दबाव बनाया गया। छात्रा ने एसोसिएट डीन को बताया तो जवाब मिला कि “हेड हैं, जवाब देना ही पड़ेगा।”
विरोध करने पर अटेंडेंस और मार्क्स घटाए गए
पीड़िता ने आरोप लगाया कि जब उसने बाबा का विरोध किया तो उसकी अटेंडेंस और अंक घटा दिए गए। मार्च 2025 में जब स्वामी ने नई कार खरीदी, तो पूजा के लिए कुछ छात्राओं को ऋषिकेश ले जाया गया। लौटते वक्त उन्होंने अश्लील टिप्पणियां कीं। वापसी पर महिला स्टाफ ने छात्राओं को बाबा से हुई चैट डिलीट करने का दबाव बनाया।
होली के बाद बाबा ने छात्रा को ऑफिस बुलाकर ‘बेबी’ कहा और मोबाइल से वीडियो बनाकर उसे व्हाट्सएप पर भेज दिया। वहीं, जून 2025 की एक कमर्शियल ट्रिप में 35 छात्राओं को ऋषिकेश ले जाया गया, जहां बाबा रात में उन्हें बुलाते थे। विरोध करने पर छात्रा को पहले और तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा देने से रोक दिया गया। उसके सभी मूल सर्टिफिकेट भी संस्थान ने रोक लिए।