कश्मीर के शोपियां में आज एक इंडियन आर्मी अफसर का शव बरामद किया गया। शव की पहचान लेफ्टिनेंट उमर फैयाज पौरी के रुप में हुई है। खबर के मुताबिक कुलगाम निवासी लेफ्टिनेंट फैयाज मंगलवार अपने चचेरी बहन की शादी में शरीक होने के लिए छुट्टी पर थे। मंगलवार की रात जब वह बेहिबाग के नजदीक बातापुरा अपनी बहन की शादी में शरीक हो रहे थे उसी दौरान लगभग दस बजे के करीब कुछ आतंकियों ने जवान को अगवा कर लिया था। इस घटना के अगले दिन अफसर का  मृत शरीर एक बाग से बरामद हुआ था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जवान का शव शोपियां जिले की हरमेन चौक के एक बाग में मिला है। बुधवार की सुबह एक ग्रामीण ने बाग में एक शव की खबर स्थानिय पुलिस को दी, घटनाक्रम की जानकारी मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरु कर दी। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस ने शव की पहचान लेफ्टिनेंट उमर फैयाज पैरी के रुप में की, जिनके शरीर पर गोलियों के निशान मिले है। स्थानीय  पुलिस का अनुमान है कि आतंकियों ने जवान को अगवा कर बाग में लाया और वहां उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चला कर उनके शरीर को छलनी कर दिया।

जवान के शव को दी जाएगी आज अंतिम विदाई

घटना के बाद शहीद जवान लेफ्टिनेंट फैयाज़ के पार्थिक शरीर को शोपियां के जिला अस्पताल में पोस्टमार्टमके लिए भेजा गया है, जहां से उनके पार्थिक शव को उनके निवास स्थान लाया जाएगा। इस दौरान उनके निवास स्थान के निकट ही जवान के पार्थिक शरीर को पूरे राजकीय सम्मान सहित अंतिम विदाई दे दफनाया जाएगा। उधर, सेना के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि वह वीर जवान को सलाम करते हैं और दुख की घड़ी में सेना उनके परिवार के साथ खड़ी है।

राजपूताना राइफल्स में तैनात थे लेफ्टिनेंट फैयाज़

लेफ्टिनेंट उमर फयाज कश्मीर के अखनूर में राजपूताना राइफल्स के यूनिट में तैनात थे। एनडीए पासआउट लेफ्टिनेंट फयाज को 10 दिसंबर 2016 को सेना में कमीशन मिला था। इस साल वह सेना के यंग ऑफिसर्स कोर्स के लिए जाने वाले थे।

जवान के शव पर आई राजनीतिक प्रतिक्रिया

कश्मीर के शोपियां में जवान के साथ हुई घटना पर चुप्पी तोड़ते हुए रक्षामंत्री अरुण जेटली ने कहा,’आतंकियों द्वारा कश्मीर के सैन्य अधिकारी का अपहरण और हत्या कायरता और नीचतापूर्ण हरकत है, जम्मू कश्मीर का यह युवा अधिकारी रोल मॉडल था।‘

अरुण जेटली के इस बयान पर पलटवार करते हुए कवि और आप नेता कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा,‘और हर बार एक जैसा सिर्फ़ कायराना बयान देना राष्ट्रवाद?’

सेना के अधिकारी के साथ हुई इस घटना के बाद राज्य पुलिस ने अपने कर्मियों को परामर्श जारी कर कहा है कि वे तब तक अपने पैतृक घरों में खासतौर पर दक्षिण कश्मीर में न जाएं जब तक कि इसे वापस नहीं ले लिया जाता है।