गुजरात, हिमाचल के विधानसभा चुनावों के सफल निबटारे के बाद अब चुनाव आयोग ने त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है। इन तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। पहले चरण में 18 फरवरी को त्रिपुरा में वोटिंग होगी। दूसरे चरण में 27 फरवरी को मेघालय और नगालैंड में वोटिंग होगी। 3 मार्च को तीनों राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के लिए काउंटिंग होगी और नतीजों की घोषणा की जाएगी।
दिल्ली: 3 मार्च को आएंगे 3 राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे, चुनाव में उम्मीदवार 20 लाख खर्च कर सकते हैं-EC, तीनों राज्यों में आज से ही आचार संहिता लागू, उम्मीदवार EVM चेक कर सकते हैं- चुनाव आयोग।@PMOIndia #EVM
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) January 18, 2018
इन तीनों राज्यों के विधानसभा चुनावों में वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। चुनाव आयोग के मुताबिक हर विधानसभा सीट के एक पोलिंग स्टेशन पर वीवीपैट से वोटिंग होगी और स्लिप की काउंटिंग की जाएगी। चुनाव आयोग की इस घोषणा के साथ ही तीनों राज्यों में चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है। इस बार इन तीनों राज्यों में विधानसभा चुनावों की रोचक तस्वीर देखने को मिल रही है।
मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने बताया कि त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में आज से आचार संहित लागू हो गया। आपको बता दें कि मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में 60-60 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल क्रमश: 6, 13, 14 मार्च को समाप्त हो रहा है। त्रिपुरा में जहां लेफ्ट की सरकार है, वहीं, मेघालय में कांग्रेस सत्ता में है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट-लीड डेमोक्रेटिक गठबंधन नागालैंड में सत्तासीन है। डेमोक्रेटिक गठबंधन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा समर्थित है।
इससे पहले डिप्टी इलेक्शन कमिशनर सुदीप जैन के नेतृत्व में चुनाव आयोग की चार सदस्यीय टीम ने त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय का दौरा किया था और यहां कई राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की थी और उनसे आगामी चुनावों को लेकर तैयार रहने को कहा था।
उल्लेखनीय है कि मेघालय में मतदाता सूची में पंजीकृत मतदाताओं के मामले में महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। राज्य में 50.4 प्रतिशत महिला मतदाता हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एफ आर खारकोंगर ने बताया था कि मतदाता सूची में 18,30,104 मतदाताओं के नाम हैं, जिनमें से 9,23,848 महिलाएं हैं। खारकोंगर ने बताया कि मतदाता सूची में कुल 8,276 नाम हटाए गए और 6,645 आवदेन खारिज कर दिए गए। राज्य सरकार के आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, 32 लाख की आबादी वाले मेघालय में साक्षरता की दर 74.4 प्रतिशत है।