Amrit Mahotsav: देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देश आज स्वदेशी स्तर पर बेहतर काम कर रहा है। इसी क्रम में इस वर्ष 15 अगस्त का दिन लालकिले पर ऐतिहासिक घटना का गवाह बनने जा रहा है।सरकार की मेक इन इंडिया पहले के तहत स्वदेशी होवित्जर तोप, एडवांसड टॉड आर्टिलरी गन सिस्टम प्रोटोटाइप का इस्तेमाल किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार परंपरागत रूप से इस्तेमाल की जा रही ब्रिटिश तोप के साथ डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित पूरी तरह से स्वदेशी एटीएजीएस से औपचारिक 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। तोप का इस्तेमान करने की पहल स्वदेशी तोप विकसित करने की भारत की बढ़ती क्षमता का संदेश देगी।

Amrit Mahotsav: 14 देशों के कैडेटस होंगे शामिल

स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में पहली बार 9 से 17 अगस्त 2022 के बीच एक विशेष युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए 14 देशों जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, फिजी, इंडोनेशिया, र्किगीस्तान, मालदीव, मॉरीशस, मोजांबिक, नाइजीरिया, सेशेल्स, यूएई और उज्बेकिस्तान के कुल 26 अधिकारी, पर्यवेक्षक और 127 कैडेट भारत आए हुए हैं।
Amrit Mahotsav: एक भारत का दिया जाएगा संदेश
लालकिले में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के सभी जिलों के एनसीसी कैडेटों को भारत के मानचित्र के भौगोलिक फॉरमेशन में लाल किले की प्राचीर के सामने बने ज्ञान पथ पर बैठाया जाएगा। इसी क्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 12 अगस्त को नई दिल्ली में वीर गाथा प्रतियोगिता के 25 विजेताओं को सम्मानित करेंगे।
Amrit Mahotsav: जानिए क्यों दी जाती है 21 तोपों की सलामी ?
21 तोपों की सलामी देश का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या देश के सर्वोच्च लीडर के सम्मान के दौरान ये सलामी दी जाती है। इस पारंपरिक रेजिमेंट का मुख्यालय मेरठ में है और इसमें करीब 122 जवान शामिल होते हैं।
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