अमित शाह ने कहा कि जो लोग अपने राजनीतिक फायदे के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा तक को ताक पर रख देते हैं उनको आज सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने एक्सपोज कर दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नक्सलियों से संबंध के आरोप में नजरबंद वामपंथी विचारकों की हिरासत चार हफ्ते और बढ़ा दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एसआइटी गठित करने की मांग ठुकराते हुए पुणे पुलिस से आगे की जांच जारी रखने को कहा है। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने पांच वामपंथी विचारकों वरवर राव, अर्जुन फरेरा, वरनोन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज तथा गौतम नवलखा को विभिन्न शहरों से गिरफ्तार किया था। अदालती आदेश पर अभी वे सभी अपने-अपने घरों में नजरबंद हैं। इन पर नक्सलियों से संपर्क रखने का आरोप लगाया गया है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर एक बार फिर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट करके कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘बेवकूफियों के लिए सिर्फ एक स्थान रह गया है और वह है कांग्रेस।’

अमित शाह ने कांग्रेस पर ‘भारत के टुकड़े-टुकड़े गैंग’, माओवादी, फेक एक्टीविस्ट और भ्रष्ट तत्वों का समर्थन करने का आरोप लगाया। यही नहीं उन्होंने कहा कि जो लोग भी ईमानदार और काम करने वाले लोगों को बदनाम करते हैं कांग्रेस और राहुल गांधी उनका स्वागत करते हैं।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि भारत एक अदभुत लोकतांत्रिक देश है। यहां वाद-विवाद, विचार-विमर्श और मतभेद रखने की भी संस्कृति है। हालांकि देश के लोगों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से देश के खिलाफ किया जाने वाला कोई काम इसके तहत नहीं आता। इस मामले का जिन भी लोगों ने राजनीतिकरण किया है उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी पर हमला बोला। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि माओवादी लिंक में विचारकों की गिरफ्तारी की वजह राजनीतिक असहमति नहीं थी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस का एक ही मत था कि सरकार से असहमति जताने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को खारिज किया है। पात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कांग्रेस पार्टी की हार है। राहुल गांधी को इस फैसले के बाद शर्म से सिर झुका लेना चाहिए। राहुल अपनी राजनीति को परवान चढ़ाने के लिए देश की सुरक्षा को ताक पर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि किसी आरोपी को जांच एजेंसी का चुनाव करने का आधिकार नहीं है, जबकि इस मुद्दे पर अब तक राजनीति हो रही थी।

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