Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिन 7 मार्च को संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राजभाषा हिंदी को देश की एकता का अहम हिस्सा बनाया जाना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि, हिंदी की स्वीकार्यता स्थानीय भाषाओं की नहीं, बल्कि अंग्रेजी के विकल्प के रूप में होनी चाहिए। आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय किया है कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा है और यह निश्चित तौर पर हिंदी के महत्व को बढ़ाएगा।
अमित शाह ने संसदीय राजभाषा समिति में बैठे सदस्यों को बताया कि मंत्रिमंडल का 70 फीसदी एजेंडा अब हिंदी में तैयार किया जाता है। हिंदी की स्वीकार्यता स्थानीय भाषाओं में नहीं, बल्कि अंग्रेजी के विकल्प के रूप में होनी चाहिए। अब वक्त आ गया है कि राजभाषा हिंदी को देश की एकता का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जाए।
Amit Shah ने कहा- अन्य भाषा बोलने वाले राज्यों के लोग हिंदी में बात करें
गृह मंत्री ने कहा कि, अन्य भाषा बोलने वाले राज्यों के लोग बातचीत करें तो वह भारत की भाषा में करें। अमित शाह ने तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर देते हुए कहा कि, समिति से इसकी रिपोर्ट के लिए प्रथम से लेकर 11वें खंड में की गई सिफारिशों को लागू करने के लिए जुलाई में एक बैठक करने की बात कही है। शाह ने कहा कि दूसरे बिंदु में नौवीं कक्षा तक के छात्रों को हिंदी का प्रारंभिक ज्ञान प्रदान करने पर जोर देने की बात कही है। तीसरे बिंदु में हिंदी शब्दकोश की समीक्षा कर इसे पुन:प्रकाशित करने का सुझाव दिया है।
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