चीनी सरकार के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों को ब्याजखोर बताने वाले अलीबाबा के मालिक और चीन के अरबपति जैक मा पिछले दो माह से गायब हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ कुछ विवाद के बाद से जैक मा को नहीं देखा गया है।
पिछले साल जैक ने चीनी सरकार के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों को ब्याजखोर बताया था। इसको चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग पर सीधा हमला के तौर पर देखा जा रहा था। उसके बाद जैक मा का कोई अता-पता नहीं है।
जैक ने सिस्टम में बदलाव की मांग करते हुए बैंकिंग नियमों को बुजुर्गों का क्लब बताया था। इनके इस बयान के बाद चीनी सरकार ने जैक मा की कंपनियों पर कार्रवाई शुरू करा दी। उसके बाद से जैक मा किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर नहीं आये हैं।

जैक मा एक मोटिवेशनल वक्ता है। वे अक्सर सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहते थे। जैक के इस बयान को चीन की सत्तारूढ़ पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ने खुद पर हमले के रूप में लिया। जिसके बाद वे किसी कार्यक्रम में नजर नहीं आ रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हे गायब कराने के पीछे चीनी सरकार का हाथ है।
जिनपिंग से विवाद के बाद जैक मा के एंट ग्रुप के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया गया। उनकी कंपनियों पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगाये गये हैं। वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट के मुताबिक जैक मा के एंट ग्रुप के आईपीओ को रद्द करने का आदेश चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से आया था।
साथ ही अलीबाबा पर भी जांच बैठा दी गयी। जांच पूरी होने तक जैक मा के चीन से बाहर जाने पर पाबंदी लगा दी गयी।