उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर सीबीआई के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन के सवाल पर अभी कुछ नहीं बोलूंगा। उन्होंने भाजपा पर सीधा हमला करते हुए कहा कि गठबंधन रोकने के लिए केंद्र मेरे खिलाफ सीबीआई का इस्तेमाल कर रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी विरोधी किसी भी प्रकार का गठबंधन न हो पाए, इसलिए केंद्र की मोदी सरकार मुझ पर सीबीआई द्वारा छापेमारी करवा रही है। साथ ही अखिलेश ने बीजेपी की आड़ में कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले यूपीए के कार्यकाल में कांग्रेस ने सीबीआई से मुलाकात कराई और अब केंद्र की एनडीए सरकार ने सीबीआई से मुलाकात करवा रही है।
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में हुए कथित अवैध खनन मामले पर सीबीआई की कार्यवाही के बाद खुद से पूछताछ की आशंका के बारे में रविवार को कहा कि वह सीबीआई को जवाब देने के लिये तैयार हैं, मगर भाजपा यह याद रखे कि वह जिस संस्कृति को छोड़कर जा रही है, कल उसे भी उसका सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच सीटों का विभाजन हो गया है। बताया गया कि दोनों पार्टियों ने 71 सीटों को आपस में बांट लिया है। सपा प्रदेश की 35 लोकसभा सीटों पर और बसपा 36 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। इसके अलावा, राष्ट्रीय लोकदल को 3 सीटें देने और 4 सीटों को रिजर्व रखने की बात तय हुई। सीट शेयरिंग के इस फार्मूले में कांग्रेस गायब नजर आई।
मीडिया में सपा-बसपा गठबंधन की खबरों में कांग्रेस को जगह न मिलने की बात तेजी से फैली, जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन की जानकारी दोनों पार्टियों में से किसी की तरफ से भी औपचारिक तौर पर समाने नहीं आई है। इसके साथ ही उन्होंने ऐसे किसी गठबंधन की बात से इनकार कर दिया। इसके बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सभी अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि गठबंधन को लेकर अभी कोई बात नहीं कहूंगा। माना जा रहा है कि अखिलेश कांग्रेस की मंशा को भांप रहे हैं और गठबंधन में अपनी शर्तों के साथ शामिल होने के लिए उचित समय का इंतजार कर रहे हैं।