तीन बड़े बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के मर्जर के बाद अब दूसरे सरकारी बैंकों की विलय प्रक्रिया शुरू होने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। अगला नंबर किसका होगा इसका नाम सामने आने में समय लग सकता है।लेकिन, मार्केट्स एक्सपर्ट्स की मानें तो अगला मर्जर पंजाब नेशनल बैंक के साथ हो सकता है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अगली कड़ी में पीएनबी में ओबीसी, इलाहाबाद बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, इंडियन बैंक का मर्जर हो सकता है। हालांकि, इसमें भी तीन बैंकों के मर्जर की ही संभावना है। सरकार तीन-तीन के ग्रुप में मर्जर प्रक्रिया को चलाना चाहती है।
बैंकों को एनपीए से निपटने और मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए सरकारी बैंकों का मर्जर जरूरी है।सरकार के अलावा कई ब्रोकरेज फर्म भी बैंकों के कंसॉलिडेशन पर जोर दे चुकी हैं। पहले एसबीआई के साथ छह बैंकों का विलय हुआ और अब बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय को मंजूरी दी गई। इससे साफ है कि सरकार निजी बैंकों के बढ़ते कारोबार के साथ सार्वजनिक बैंकों को मजबूती देना चाहती है।
बता दें, की कई बैंक बंद भी हो सकते हैं। रिर्पोट के अनुसार सरकार पहले चरण में मौजूदा 21 सरकारी बैंकों की संख्या को घटाकर 12 करने की तैयारी कर रही है। सरकार मर्जर से पहले बैंकों के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर गौर कर रही है, जिससे विलय के बाद बैंकों को काम करने में तकनीकि तालमेल बिठाने में आसानी हो। बताए गए बैंकों के विलय के अलावा सरकार केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक का मर्जर कर सकती है। तो वहीं यूनियन बैंक में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को मर्ज किया जा सकता है। बैंकों के विलय का सिलसिला एसबीआई बैंक से शुरु हुआ था। सबसे पहले एसबीआई में पांच सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक का मर्ज किया जा चुका है। आपको बता दें कि 1 अप्रैल 2017 को एसबीआई में इन बैंकों का विलय हुआ था, जिसके बाद SBI दुनिया के 50 बड़े बैंकों की सूची में शामिल हो गया है। हाल ही वित्त मंत्रालय ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है।